कुरुक्षेत्र, 4 दिसंबर (हप्र)
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर हेरिटेज विलेज जीटी रोड मसाना में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन कुरुक्षेत्र, एचएसआर एलएम हरियाणा तथा एसोसिएशन ऑफ हरियाणवी इन ऑस्ट्रेलिया एएचए के संयुक्त तत्वावधान में हरियाणा सांस्कृतिक प्रदर्शनी एवं हरियाणा हस्तशिल्प हुनर कार्यशाला का आयोजन 5 से 15 दिसंबर तक किया जा रहा है। हरियाणा के हस्तशिल्पकारों की कार्यशाला का उद्घाटन 6 दिसंबर को होगा, जबकि हरियाणा की सांस्कृतिक प्रदर्शनी की शुरुआत 5 दिसंबर को हवन-यज्ञ से की जाएगी। प्रदर्शनी में हरियाणा की अनेक पुरातन वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
भारतीय पगड़ियों की भी झलक
विरासत में भारतीय पगड़ी की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इसमें राजस्थानी पगड़ी, महाराजा अकबर की पगड़ी, लक्ष्मी बाई की पगड़ी, पंजाबी, मराठी, भगत सिंह, पठानी, शिवाजी, पृथ्वीराज चौहान, गंगाधर तिलक, हिमाचली, मुल्लादीन, शेख, बीरबल, मुनीम, हरियाणा की बृज, मेवात, खादर, बांगर, बागड़ की पगड़ी विशेष रूप से पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इसके साथ ही पगड़ी बंधाओ, फोटो खिंचाओ के माध्यम से हरियाणवी पगड़ी का युवाओं में प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।
ये होंगे आकर्षण का केंद्र
हरियाणा की रथ बनाने की परम्परा, बैलगाड़ियों के लकड़ी के पहिये बनाने की परम्परा, कुएं से पानी निकालने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले डोल तथा उसका इतिहास, लोक जीवन में तालों की परम्परा तथा उसका इतिहास, हरियाणा में हलों की विविधता एवं उसके प्रकार व इतिहास, खेती-बाड़ी के औजारों की विविधता एवं उनकी वैज्ञानिकता, भारत की पगड़ी परम्परा का इतिहास तथा हरियाणवी पगड़ी का महत्व, हरियाणवी फुलझड़ी, भारत के प्राचीन हुक्के, भारत के प्राचीन सिक्के, ऊंट तथा बैलों से जुड़ी हुई विषय-वस्तुएं, हरियाणा के लोक परिधान, हरियाणा में टोकरा बनाने की कला, लुगदी के बने हुए बोहियों एवं साजो सामान, हरियाणवी रसोई में लोक पारम्परिक बर्तन, हरियाणा के चरखों का इतिहास, हरियाणा के परिवहन के साधनों का इतिहास, कुम्हार कला, भारत की बाट परम्परा एवं इतिहास के साथ-साथ हरियाणवी संस्कृति के देसी ठाठ भी प्रदर्शनी में देखने को मिलेंगे। साथ ही हरियाणा के भांति-भांति तरह के भोजन- खांड, गुड़, शक्कर, बाजरे का चूरमा, बाजरे की रोटी और हर्या साग आदि के माध्यम से हरियाणवी खान-पान के दर्शन होंगे।
ब्लड डोनेशन सोसायटी ने लगाया रक्तदान शिविर
महोत्सव को लेकर यूथ ब्लड डोनेशन सोसायटी की तरफ से ब्रह्मसरोवर के बूथ नंबर 78 पर शनिवार को रक्तदान शिविर लगाया गया। इसका शुभारंभ जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डा. नरेन्द्र सिंह ने किया। उन्हाेंने यूथ ब्लड डोनेशन सोसायटी के अध्यक्ष विनोद पाल झांसा के साथ रक्तदाताओं को बैज लगाकर सम्मानित किया। यह रक्तदान शिविर 19 दिसंबर तक लगातार चलेगा।
चित्र-विचित्र घोलेंगे कृष्ण भक्ति का रस
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2021 के सायं कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए इस वर्ष ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में मुख्य मंच सजाया जाएगा। इस मुख्य मंच पर प्रसिद्ध कलाकार चित्र-विचित्र की सुरीली आवाज ब्रह्मसरोवर की फिजा में कृष्ण भक्ति का रस भरने का काम करेगी। इन कलाकारों के साथ-साथ मालिनी अवस्थी, बाबा मौर्य, रंजू प्रसाद जैसे प्रसिद्ध कलाकार कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 9 से 14 दिसंबर तक चलेंगे। 11 दिसंबर को कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। इस कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार, दिनेश रघुवंशी, मनवीर मधुर, अनिल आर्य पहुंचेंगे।
एसपी से लिपटी नन्ही बच्ची
महोत्सव में बच्चों की सुरक्षा से संबंधित पहलुओं का जायजा लेने के लिए पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला पैदल ही ब्रह्मसरोवर के तट पर निकली। इस दौरान पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला को देख एकाएक एक नन्हीं बच्ची उनसे लिपट गयी। यह देख एक बार तो एसपी भी अचंभित हो गयी। फिर उन्होंने बच्ची को गोद में भर लिया। एसपी ने अभिभावकों से बात की और बच्चों की सुरक्षा बारे अहम जानकारी दी। इस दौरान एसपी ने लोगों को मास्क पहनने बारे भी जागरूक किया।
पश्मीना शाॅलें भायीं
कुरुक्षेत्र (एस) : महोत्सव में कश्मीरी शिल्पकारों की पश्मीना शाॅल के अच्छे खासे कद्रदान हैं। पश्मीना शाॅल लेकर पहुंचे शिल्पकार मुस्ताक अहमद व जहूर का कहना है कि देश व विदेश से आये पर्यटकों को पश्मीना शॉल काफी भा रही है। उन्होंने अपने कारोबार को चलाने के लिए 40 लाख का ऋण लिया हुआ है। उनके साथ तकरीबन 600 कारीगर भी जुड़े हुए हैं।
रिझा रही शिल्प कला
सरस मेले में शिल्पकारों व दस्तकारों की कला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। मेले कैनन बम्बू से निर्मित कलात्मक वस्तुएं आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। स्टॉल पर मौजूद असम के बरपेटा के रहने वाले दस्तकार हसन अली ने स्टॉल पर कैनन बम्बू आर्ट से बनी फूड बास्केट, लैंप, सर्विस ट्रे,फ्लावर पॉट, मैगजीन होल्डर, पेन स्टैंड, कप तथा गमला इत्यादि वस्तुएं उपलब्ध हैं, जिन पर पॉलिश कर सुंदर व आकर्षक बनाया गया है।
टैराकोटा का सामान बढ़ा रहा शोभा
महोत्सव में चंडीगढ़ से आए मामचंद का बनाया टैराकोटा की मिट्टी से बना सजावट का सामान भी पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहा है। इस शिल्पकार के हाथों से बनी कारीगिरी के पर्यटक कायल हो चुके हैं।