हीमोफीलिया के मरीज दवा न मिलने से परेशान, मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
यमुनानगर, 8 जुलाई (हप्र)
यमुनानगर के हीमोफीलिया रोग से प्रभावित मरीजों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हीमोफीलिया की दवा उपलब्ध कराने की अपील की है। हीमोफीलिया रोगी व परिवार के सदस्य यमुनानगर सोसाइटी ने पत्र में बताया कि हीमोफीलिया, जो की एक जन्मजात रक्त विकार है, के इलाज के लिए हम पिछले 18 साल से लड़ रहे हैं, परंतु इतने साल में भी आंशिक सफल हुए हैं। 2007 में हमने मुफ्त इलाज के लिए कार्य शुरू किया। जब पूर्ण रूप से सफल नहीं हुए तब हमें हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका 2011 में दायर करनी पड़ी और हमारे हक़ में फैसला 2012 में किया गया। सरकार ने हाईकोर्ट में इलाज की एक पॉलिसी पेश की थी, जिसके बाद मुफ्त इलाज मिलने लगा, तब 400 के लगभग मरीज थे, जो आज लगभग 1000 के आसपास हैं। उन्होंने कहा कि बड़े दु:ख की बात है कि हमें आज भी लगातार दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, पर दवा उपलब्ध नहीं हो रही।
यमुनानगर जिले से विष्णु गोयल, रोहित, संदीप लालहाड़ी, कृपाल सिंह बीरमाजरा, मोनू जयपुर, मुकेश पल्लेवाला, गुरमीत नालागढ़, अमूल्य बिलासपुर, वीरेंद्र भंभोली ने बताया कि साल में 6 महीने ही दवा उपलब्ध होती है। बीच में दवा खत्म हो जाती है, तब रोगियों को इधर-उधर चंडीगढ़, दिल्ली आदि के अस्पताल में भागना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि जब तक वेयरहाउस से हीमोफीलिया की दवा उपलब्ध होती है, तब तक स्वास्थ्य निदेशक पंचकूला के आदेश अनुसार लोकल खरीद का इंतजाम किया जाए। पिछले काफी समय से दवा उपलब्ध नहीं है, 104 पर भी शिकायत की गई है, पर कोई लाभ नहीं मिला।