अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 10 मई
भिवानी शहर में 3 दिन पेयजल किल्लत विकराल रूप धारण कर सकती है। जलघर में पेयजल पहले से ही समाप्त है और उस पर सिंचाई विभाग 12 मई तक पानी उपलब्ध कराएगा। शहर में पानी की राशनिंग पहले से ही जारी है और एक दिन छोड़कर पानी मिल रहा है।
शहर की एक तिहाई आबादी को महम रोड स्थित पुराने जलघर से पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन जलघर में नाममात्र का पानी रह गया है और ट्यूबवेल व रोहतक रोड स्थित निनाण जलघर से वैकल्पिक व्यवस्था करके थोड़ा बहुत पानी शहरवासियों को दिया जा रहा है। यह माना जा रहा था कि 10 मई तक जलघर को पानी उपलब्ध करवाने वाली नहर में पानी आ जाएगा, लेकिन अब यह पानी 11 मई को शाम साढ़े 4 बजे मूनक हेड से छोड़ा जाएगा, जोकि 36 घंटे में भिवानी तक पहुंचेगा। यानी भिवानी के जलघर को 13 मई को सुबह से पहले पानी उपलब्ध नहीं होगा।
जलघर में बचा पानी भी मंगलवार शाम तक खत्म होने की उम्मीद है। ऐसे में पुराने जलघर से जुड़ी 2 दर्जन काॅलोनियां हाउसिंग बोर्ड, जगत कालोनी, विजय नगर, पटेल नगर, बीटीएम चौक, डीसी कालोनी, रेवेन्यू कालोनी, विद्या नगर, कीर्ति नगर आदि में पानी की भारी किल्लत पैदा हो गई है। विभाग द्वारा कई जगह तो टैंकरों से पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिससे पर्याप्त आपूर्ति नामुमकिन है। भिवानी की नहरों में आमतौर पर 32 दिन बाद पानी आता है, लेकिन अब की बार 34 दिन बाद पानी मिलने की उम्मीद है। भीषण गर्मी के चलते पानी की खपत भी बढ़ चुकी है और ऐसे में पानी की कमी लोगों के लिए आफत बन गई है। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पानी की कमी को देखते हुए पहले ही पानी की राशनिंग कर रखी है, लेकिन ताजा हालत ने उनका भी गणित गड़बड़ा दिया है। अधिकारियों का कहना है कि भगवान भरोसे सब चल रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता बोले
सामाजिक कार्यकर्ता एवं भिवानी सुधार व विकास समिति के अध्यक्ष कैप्टन पवन अंचल का कहना है कि पानी की किल्लत ने जनजीवन बेहाल कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ट्यूबवेल से निकालकर जो पानी जलघर के टैंकों में डाला जा रहा है, वह खारा है। ऐसे में राशनिंग के कारण एक दिन बाद मिलने वाला पानी भी पीने योग्य कम है।
जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा
जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ प्रवीण जांगड़ा का कहना है कि महम गेट स्थित जलघर में थोड़ा बहुत पानी बचा था और उसमें ट्यूबवेलों का पानी मिलाकर काम चलाया जा रहा था, लेकिन नहरी पानी में देरी स्थिति को खराब करेगी, फिर भी विभाग वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है।