चंडीगढ़, 26 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं काफी खराब हैं। जनता को भगवान भरोसा छोड़ा हुआ है। राज्य में केवल दावों की सरकार है। मूलभूत सुविधाओं का जिक्र आते ही सरकार मुंह फेर लेती है। कोरोना काल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जींद जिले का उदाहरण इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
सोमवार को चंडीगढ़ से जारी बयान में सैलजा ने कहा कि जींद के मुआना स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती महिला तीन घंटे बेंच पर तड़पती रही। न डाॅक्टर मिला, न नर्स। कोई अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी नहीं था। फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस समय पर नहीं आई। बेंच पर ही प्रसव हो गया और नवजात की मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य केंद्र में केवल दो सफाईकर्मी थे। उन्होंने कहा कि इस घटना ने बेहतर सेवाओं का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार की पोल खोल दी है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार जुमलों से हट कर आकलन करे कि स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक तस्वीर क्या है। हर बार तथ्यों को छिपा कर हकीकत पर झूठ का आवरण चढ़ाने की कोशिश की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में पांच हजार की आबादी पर एक उपस्वास्थ्य केंद्र, 30 हजार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 80 हजार से एक लाख 20 हजार की आबादी पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए। मानकों का पालन नहीं हो रहा। बड़ी संख्या में उपस्वास्थ्य, प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों की कमी है।
सैलजा ने कहा कि जो स्वास्थ्य केंद्र चालू हैं, उनमें भी मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। स्पेशलिस्ट डाक्टरों के 90 प्रतिशत पद खाली हैं। सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर एक भी सरकारी अस्पताल में दिखाई नहीं देता। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के 60 फीसद तक पद रिक्त हैं।