अम्बाला शहर, 15 फरवरी (हप्र)
स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा से उनके निवास पर मुलाकात करके कर्मचारियों की समस्याएं रखीं और उन्हें हल करवाने का आग्रह किया।
कर्मचारी नेताओं के अनुसार मंत्री का रवैया टालमटोल वाला ही रहा और समस्याओं के समाधान का कोई संतोषजनक हल न निकालकर कोर्ट केस व कौशल रोजगार निगम का हवाला देकर टाल दिया। यूनियन नेताओं ने बताया कि इससे स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन में आक्रोश है तथा जल्दी ही यूनियन की मीटिंग बुलाकर आगामी संघर्ष का निर्णय लिया जाएगा। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य ऑडिटर राजबीर बेरवाल के नेतृत्व में स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन के राज्य संयोजक मंगतराम, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुमित्रा रानी, सुमित ऋषि, सोनू बुरा, भीम सोनी, अंकुर सोढी, नरेश व प्रदीप सहित अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
इन नेताओं ने बताया कि मुलाकात में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड की जगह होमगार्ड लगाने के निर्णय को रद्द करके सिक्योरिटी गार्ड की सेवाएं बहाल रखने, कोविड-19 के दौरान अपनी जान हथेली पर रखकर कार्य करने के बावजूद हटाए गए स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों की नौकरी बहाल करने, कार्यरत ठेका कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई जमा न करने वाली फर्मों पर कार्रवाई करने व बकाया सैलरी ना देने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने आदि की समस्याएं रखी गईं।
पहले भी मिला था आश्वासन
इन नेताओं ने कहा कि 5 सितंबर 2021 को भी स्वास्थ्य मंत्री ने स्वयं कहा था कि वित्तीय वर्ष 20-21 में कार्यरत किसी भी आउटसोर्सिंग कर्मचारी को हटने नहीं दिया जाएगा। साथ ही समय पर सैलरी और इपीएफ ईएसआई बारे ठोस आश्वासन दिया था लेकिन धरातल पर उनके आश्वासन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके कारण आउटसोर्सिंग कर्मचारी बड़े-बड़े ठेकेदारों के द्वारा पीड़ित रहने पर मजबूर हैं जिसके लिए उनके पास आंदोलन के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है।