पंचकूला, 7 अप्रैल (हप्र)
स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन (संबंधित सर्व कर्मचारी संघ व सहयोग सीटू) का राज्यस्तरीय मास डेपुटेशन पंचकूला बस स्टैंड से प्रदर्शन करते हुए मिशन निदेशक एनएचएम व महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं एवं निदेशक मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च कार्यालय पहुंचा। यूनियन ने यहां प्रदेश भर में नौकरी से हटाए 3 हजार से ज्यादा कोरोना योद्धा अनुबंधित व आउट सोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने और 15 हजार कच्चे कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम की बजाय विभाग के पे-रोल पर लेकर पक्का करने की मांगों का ज्ञापन स्वास्थ्य मंत्री के नाम सौंपा। इसके बाद महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं ने प्रतिनिधिमंडल को शुक्रवार को बातचीत के लिए बुलाया है। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य महासचिव सतीश सेठी व प्रेस प्रवक्ता इंद्र सिंह बधाना ने कहा कि केंद्र सरकार के पास कार्पोरेट्स घरानों के 11 लाख करोड़ रुपया लोन माफ करने के लिए बजट है, लेकिन उन कोरोना योद्धाओं के लिए बजट नहीं, जिन्होंने कोरोना काल में जान हथेली पर रखकर जनता की दिन-रात सेवा की। उन्होंने एेलान किया कि 11 अप्रैल को कोरोना योद्धाओं की नौकरी बहाली व कौशल रोजगार निगम को भंग करने की मांग को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा प्रदेश में उपायुक्त कार्यालयों पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री नाम ज्ञापन देगा। इस मौके पर सर्व कर्मचारी संघ जिला पंचकूला प्रधान रणधीर राघव, सचिव विजय पाल, सिरसा सचिव राजेश भाकर, करनाल के प्रधान मलकीत सिंह ने भी सभा को संबोधित किया।
संकट में दिया था साथ
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश सचिव मांगे राम, राज्य आडिटर राजबीर बेरवाल व केंद्रीय कमेटी सदस्य कृष्ण शर्मा ने कहा कि जब प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा था और सरकार कर्मचारियों के अभाव में संक्रमित मरीजों की देखभाल करने में विफल हो रही थी। उस संकट के समय इन कर्मचारियों ने ही सरकार व विभाग की लाज बचाई थी। सरकार का नैतिक फर्ज तो यह बनता था कि इन सभी कर्मचारियों को सम्मानपूर्वक पक्का करती। परंतु सरकार ने हज़ारों को नौकरी से निकाल दिया और जो बचे हैं उनको कौशल रोजगार निगम की आड़ में हटाने की तैयारी कर रही है।