घरौंडा, 23 जुलाई (निस)
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भले ही सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। कैमला गांव में कंडम घोषित हो चुके उप स्वास्थ्य केंद्र यानी सब सेंटर में ही स्वास्थ्यकर्मियों को गर्भवतियों व बच्चों की जांच करनी पड़ रही है। बिल्डिंग का लेवल सड़क से करीब एक फुट नीचे जा चुका है और जरा-सी बारिश से बिल्डिंग में पानी घुस जाता है। स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिदिन डर के साये में बैठकर कार्य करना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेवारों के संज्ञान में बिल्डिंग की स्थिति न लाई हो, लेकिन न तो कोई बिल्डिंग की सुध लेने वाला है और न ही समस्या का समाधान करवाने वाला। पंचायत से भी कोई सरकारी बिल्डिंग देने की दरखास्त की गई थी, लेकिन पंचायत ने भी कोई गौर नहीं फरमाया। कैमला गांव के पूर्व में उप स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है। इसकी बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि यह कभी भी ढह सकती है। ड्यूटी पर तैनात एएनएम अनीता, सुषमा, इंदू, रेखा, विकास, ग्रामीण संदीप का कहना है कि उप स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिदिन गर्भवतियों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। छोटे बच्चों का टीकाकरण भी यहां होता है। इसके साथ ही कोरोना टीकाकरण, मलेरिया, टीबी, बीपी, शुगर की भी जांच होती है।
क्या बोले एसएमओ
जब इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एसएमओ डॉ. मुनेश गोयल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कैमला गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग कंडम घोषित हो चुकी है। इसके संबंध में सीएमओ ऑफिस और पीडब्ल्यूडी को भी लिखा हुआ है कि बिल्डिंग को तोड़कर सामान की नीलामी करवाई जाए, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। कोई सरकारी बिल्डिंग सब सेंटर के लिए मिल सके, इसके लिए वे मौके का मुआयना करेंगे।