Form-6 में अंडर हेड फीस ‘जीरो’ दिखा रहे हरियाणा के निजी स्कूल, 31 जुलाई तक का अल्टीमेटम
Haryana News: हरियाणा के कई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर फार्म-6 में फीस संबंधी जानकारी देने में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। इन स्कूलों ने 'अंडर हेड फीस' के कॉलम में शून्य (0) दर्ज कर यह दर्शाने की कोशिश की कि वे इस प्रकार की कोई वैकल्पिक या अतिरिक्त फीस नहीं वसूलते, जबकि वास्तविकता इससे अलग है।
हर साल राज्य के 10701 मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों से एमआईएस पोर्टल के जरिए फार्म-6 भरवाया जाता है। शिक्षा विभाग के अनुसार, कई स्कूलों ने एमआईएस पोर्टल पर ऑनलाइन भरे जाने वाले फार्म-6 में चालाकी करते हुए जानबूझकर गलत जानकारी दी है। फार्म-6 में स्कूल की बुनियादी जानकारी के साथ-साथ फीस संरचना और अन्य सुविधाओं का उल्लेख करना अनिवार्य होता है। यह फार्म प्रत्येक स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराना भी जरूरी है।
गलत जानकारी देने वालों को अंतिम मौका
शिक्षा निदेशालय ने शुक्रवार को एक पत्र जारी करते हुए सभी स्कूलों को 31 जुलाई तक फार्म-6 में अंडर हेड फीस की सही जानकारी भरने का अंतिम अवसर दिया है। इसके बाद विभाग स्वयं जांच करेगा और फर्जी जानकारी देने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या है अंडर हेड फीस?
अंडर हेड फीस वे शुल्क हैं जो विद्यालय वैकल्पिक गतिविधियों जैसे ट्रांसपोर्ट, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, एक्स्ट्रा कोचिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि के नाम पर लेते हैं। नियम के मुताबिक, इन सेवाओं के लिए फीस केवल उन्हीं छात्रों से ली जा सकती है, जिन्होंने स्वेच्छा से इसका विकल्प चुना हो।
नियमों की अनदेखी पर हो सकती है कार्रवाई
यदि कोई स्कूल फार्म-6 समय पर नहीं भरता या उसमें गलत जानकारी देता है तो उस शैक्षणिक सत्र में वह फीस संरचना में कोई भी बढ़ोतरी नहीं कर सकता। इसके अतिरिक्त, विभाग की सिफारिश पर उस स्कूल की मान्यता पर भी असर पड़ सकता है।