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हरियाणा का नया डेरी विजन : गोबर से बनेगी गैस, दूध का बढ़ेगा कारोबार

हरियाणा की गौशालाएं अब सिर्फ गायों की देखभाल तक सीमित नहीं रहेंगी। राज्य सरकार की योजना है कि हर गौशाला में गोबर गैस प्लांट स्थापित किया जाए। इससे पैदा होने वाली गैस ऊर्जा का स्रोत बनेगी। साथ ही, गोबर से...
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चंडीगढ़ में मंगलवार को कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए।
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हरियाणा की गौशालाएं अब सिर्फ गायों की देखभाल तक सीमित नहीं रहेंगी। राज्य सरकार की योजना है कि हर गौशाला में गोबर गैस प्लांट स्थापित किया जाए। इससे पैदा होने वाली गैस ऊर्जा का स्रोत बनेगी। साथ ही, गोबर से पेंट व दूध से उत्पाद तैयार कर के गौशालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। गौशालाओं की छवि बदलने की दिशा में ही सरकार ने यह कदम उठाया है।

अब वे महज़ सेवा स्थल नहीं, बल्कि सूक्ष्म उद्योग केंद्र बनेंगी। यहां गोबर से गैस, गोमय से पेंट और दूध से घी, मिठाइयां और अन्य उत्पाद बनेंगे। यह मॉडल न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगा बल्कि ग्राम स्तर पर रोज़गार भी पैदा करेगा। इतना ही नहीं, ग्रामोद्योग और महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण से जोड़कर महिला सशक्तीकरण को भी बढ़ावा दिया जाएगा। दूध से प्रोसेस्ड उत्पाद बाजार में आएंगे। पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने मंगलवार को इस संदर्भ में अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिए।

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वहीं दूसरी ओर, अब फसल सीधे गोदाम के पास बिकेगी, न कि किलोमीटर दूर मंडियों में। हरियाणा सरकार ने 3 लाख मीट्रिक टन क्षमता के नए गोदाम बनाने की योजना बनाई है। साथ ही, उनके पास ही खरीद केंद्र विकसित किए जाएंगे। इससे किसानों का समय, पैसा और श्रम तीनों की बचत होगी। कैबिनेट मंत्री श्याम सिंह राणा ने इस योजना को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अब अधिकारी पूरी रिपोर्ट बनाकर मंत्री को देंगे।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी गौशालाओं में गोबर गैस प्लांट स्थापित करें। इसके अलावा यहां पर गोबर से ही पेंट बनाने तथा दूध से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने की संभावनाओं की तलाश करें। इससे जहां गौशालाएं खर्च के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेंगी वहीं लोगों को बेहतर गुणवत्ता के दुग्ध-उत्पाद मिल सकेंगे। बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के आयुक्त एवं सचिव विजय दहिया, महानिदेशक डॉ़ प्रेम सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

एनडीआर की तकनीक आएगी काम

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे करनाल स्थित नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के साथ मीटिंग करके इस इंस्टीट्यूट की आधुनिक तकनीकों को सीखें और प्रदेश के पशुओं की नस्ल सुधार और उनके दुग्ध उत्पादन आदि में प्रयोग करें। उन्होंने एनडीआरआई का अधिक से अधिक सदुपयोग करने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए। श्याम सिंह राणा ने मार्च 2025 में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में की गई विभागीय घोषणाओं की समीक्षा की और इन सभी को निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए।

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