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हरियाणा के कर्मचारी-मजदूर 9 जुलाई को हड़ताल पर

केंद्र-राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ होगी व्यापक आंदोलन
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चंडीगढ़, 5 जून (ट्रिन्यू)

हरियाणा में कर्मचारी और मजदूर संगठन 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल करेंगे। इसमें प्रदेश के प्रमुख कर्मचारी संघों के साथ-साथ मजदूर संगठनों जैसे सीटू, इंटक, एटक, एचएमएस और एआईयूटीयूसी से जुड़े लाखों कर्मचारी और मजदूर हिस्सा लेंगे। यह हड़ताल केंद्र और राज्य सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाने के लिए आयोजित की जा रही है।

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हड़ताल के मुख्य मुद्दों में 29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए गए चार लेबर कोड्स को वापस लेना, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाना, ठेका कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 26 हजार रुपये करना और सरकारी रिक्त पदों को भरना शामिल है।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि सरकार ने एक लाख से अधिक ठेका कर्मचारियों को नियमित करने के बजाय कौशल रोजगार निगम का गठन कर उन्हें अनिश्चितकालीन अस्थायी बनाए रखा है। पांच लाख से अधिक पद रिक्त होने के बावजूद सरकार भर्ती प्रक्रिया में उदासीन है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा जनवरी 2025 में की थी, लेकिन अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की है, जिससे कर्मचारी असंतुष्ट हैं।

साथ ही, 18 महीने से लंबित महंगाई भत्ते (डीए-डीआर) का भुगतान न होने, पेंशनभोगियों के लिए उचित बेसिक पेंशन वृद्धि और कम्युटेशन अवधि में कटौती की मांगें भी शामिल हैं।

कर्मचारियों और मजदूरों की प्रमुख मांगें

सुभाष लांबा ने सरकार से अपील की है कि वे कर्मचारियों और मजदूरों की मांगों पर गंभीरता से विचार करें और जल्द समाधान निकालें। इस हड़ताल के बाद व्यापक आंदोलन की संभावना जताई जा रही है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ेगा।

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