चंडीगढ़, 27 जुलाई (ट्रिन्यू)
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा सरकार द्वारा ई-अधिगम योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 5 लाख बच्चों को फ्री टैबलेट, 2 जीबी इंटरनेट डाटा व सॉफ्टवेयर दिए जाने पर प्रशंसा होने लगी है। यह बात बुधवार को शिक्षा मंत्री से चंडीगढ़ में मिलने आए उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने कही। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री को बताया कि विश्वभर में इस बात को लेकर खूब चर्चा है कि 5 लाख बच्चों को फ्री टेबलेट, इंटरनेट व सॉफ्टवेयर दिया जा रहा है। इस दौरान नामनगान विश्वविद्यालय, उज्बेकिस्तान के कुलपति व अन्य सदस्यों ने शिक्षा मंत्री से इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि उन्हें हरियाणा इस प्रकार की योजना तैयार करने में अपनी विशेषज्ञता प्रदान करें ताकि वे भी अपने देश में विद्यार्थियों के लिए ऐसी योजना लागू कर सकें।
उन्होंने कहा कि पूरा विश्व जानता है कि भारत का इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विशेषज्ञों का बोल-बाला है। गुर्जर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्कूल स्तर पर बच्चों को टैबलेट देकर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में गहरी रुचि का परिचय दिया है शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा, देश का पहला राज्य है, जिसने सरकारी स्कूलों के 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के 5 लाख विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए हैं। सरकार शिक्षा में और अधिक सुधार के लिए प्रयासरत है। गुर्जर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार विद्यार्थियों के लिए सुपर-100 कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। मेधावी विद्यार्थियों का करियर बनाने के लिए शिक्षा विभाग का सुपर-100 कार्यक्रम एक अनूठा प्रयास है।
टेक्नोलॉजी का होगा आदान-प्रदान
शिक्षा मंत्री से प्रतिनिधिमंडल ने टेक्नोलॉजी के आदान- प्रदान के लिए आग्रह करते हुए कहा कि उज्बेकिस्तान के 5 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर अंग्रेजी विषय में हरियाणा के सरकारी विश्वविद्यालयों में दाखिला करवाया जाए, जिससे वहां के विद्यार्थी अंग्रजी विषय पर अपनी अच्छी पकड बना सकें। उन्होंने कहा कि भारत में अंग्रेजी भाषा पाठ्यक्रम आसान है। इसलिए भारतीय अंग्रेजी भाषा की सामग्री उनके स्कूलों के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा, अंग्रेजी व कंप्यूटर विषय के अध्यापकों को लघु प्रशिक्षण के लिए उज्बेकिस्तान भेजने पर भी शिक्षा मंत्री ने सहमति जताई है।