चंडीगढ़, 26 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए ‘हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति’ बनाने पर काम शुरू कर दिया है। एमएसएमई के माध्यम से यह नीति काम करेगी। सरकार अगले कुछ दिनों में ही इस नीति की घोषणा करेगी ताकि इसे इसी वित्तीय वर्ष में लागू किया जा सके। कपड़ा नीति को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक हुई।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला की अगुवाई वाली कैबिनेट सब-कमेटी में कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री अनूप धानक सदस्य हैं। दुष्यंत ने कहा कि सरकार प्रदेश में एमएसएमई के माध्यम से टेक्सटाइल उद्योग को भी बढ़ावा देगी ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। बैठक के दौरान पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया और इस पर विचार-विमर्श भी हुआ। दुष्यंत ने बताया कि ‘हरियाणा आत्मनिर्भर वस्त्र नीति-2022’ के प्रारूप पर मंत्रिमंडलीय उप-समिति द्वारा गहन विचार-विमर्श किया है। अब इस नीति को अनुमोदन के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और वर्ष 2025 तक की समय अवधि के लिए तैयार की गई इस नीति से करीब चार हजार करोड़ रुपये का निवेश तथा 20 हजार युवाओं को रोजगार मिलने का अनुमान है। बैठक में ‘हरियाणा आत्मनिर्भर वस्त्र नीति-2022’ के लक्ष्य, उद्यमिता विस्तार, निवेश, रोजगार सृजन, अनुदान, टेक्सटाइल पार्क व अन्य संबंधित विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ के संदर्भ में भी विमर्श हुआ। नीति के तहत टेक्निकल टेक्सटाइल को विशेष रूप से प्रोत्साहित कर विस्तार दिया जाएगा। सिंथेटिक फाइबर व रीजेनरेटेड फाइबर इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाना भी इस नीति में शामिल किया है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य में उद्योग लगाने के लिए निवेशक आगे आ रहे हैं। सरकार ने औद्योगिक माहौल में सुधार के लिए कई प्रमुख कदम उठाए हैं। उनकी बदौलत हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा को एमएसएमई के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया है।