Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

हरियाणा आत्मनिर्भर भारत में निभाएगा अग्रणी भूमिका : नायब सैनी

25 दिसंबर तक चलेगा आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
सोमवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।
Advertisement
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने यह भी कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग आत्मनिर्भरता से होकर जाता है। यह अभियान हरियाणा में जन-जन तक आत्मनिर्भर भारत के संदेश को पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सीएम ने कहा कि यह अभियान 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से शुरू हो चुका है और 25 दिसंबर यानी भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती तक चलेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की पौने तीन करोड़ जनता इस राष्ट्रीय महायज्ञ में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राज्य सरकार ने इसे हर गांव और शहर तक पहुंचाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।

Advertisement

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी का विचार नया नहीं है। महर्षि दयानंद सरस्वती, बंगाल के स्वदेशी आंदोलन, महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन से स्पष्ट होता है कि आर्थिक व्यवस्था स्वदेशी पर आधारित होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह गौरवशाली परंपरा आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान तीन स्तंभों - स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा पर आधारित है।

Advertisement

भारत में उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा

उन्होंने कहा कि स्वदेशी का अर्थ है कि वस्तुएं भारत में ही बनें और उनका उपयोग भी भारत में हो। इस दिशा में कई उपलब्धियां सामने आई हैं। देश में स्टार्टअप्स की संख्या 1.60 लाख तक पहुंच चुकी है। इसरो ने पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप ‘विक्रम-32’ विकसित की है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन चुका है। एमएसएमई और निर्माता योजनाओं के माध्यम से निर्यात 825 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

भाषाओं और ज्ञान प्रणालियों को प्रोत्साहन

स्वभाषा का मतलब है भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना और शिक्षा में उनका इस्तेमाल करना। नई शिक्षा नीति में त्रिभाषा शिक्षा को प्रोत्साहन दिया गया है। एमबीबीएस, इंजीनियरिंग और अन्य विषय अब कई भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जा रहे हैं। इसी तरह अपनी विरासत, डिज़ाइन और सौंदर्यशास्त्र को बढ़ावा दिया जाएगा। खादी और ग्राम उद्योगों का कारोबार 1.70 लाख करोड़ रुपये पार कर चुका है। एक जिला-एक उत्पाद योजना में 750 जिलों से 1200 से अधिक उत्पादों की पहचान हुई। इनकी ऑनलाइन बिक्री 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।

मुख्यमंत्री ने गिनवाई ये उपलब्धियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता अब केवल विचार नहीं बल्कि जमीनी हकीकत बन चुकी है। रक्षा निर्यात में 34 गुना वृद्धि हुई है। यूपीआई ने वैश्विक पहचान बनाई है। मोबाइल निर्माण इकाइयां 2 से बढ़कर 300 से अधिक हो गई हैं। इसी तरह इसरो के मंगलयान, चंद्रयान-3, आदित्य एल-1 और गगनयान मिशन ने भारत की वैश्विक छवि बढ़ाई है। सैनी ने कहा कि भारत अब दवाओं और टीकों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन चुका है। वैश्विक स्तर पर 20 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं और 60 प्रतिशत वैक्सीन भारत से जाती हैं। अमेरिका में उपयोग होने वाली 40% और ब्रिटेन में 25% दवाएं भारत से आती हैं। ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत देश में बिकने वाले 99.20% मोबाइल फोन मेड इन इंडिया हैं।

हिला सशक्तिकरण पर भी जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है। सौर ऊर्जा में तीसरा और पवन ऊर्जा में चौथा स्थान है। सौर ऊर्जा क्षमता 39 गुणा और पवन ऊर्जा दोगुनी हुई है। 10 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सशक्त हुई हैं। मुद्रा ऋण में 68% और स्टैंड-अप इंडिया में 83% लाभार्थी महिलाएं हैं। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया, सीएम के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे, संयोजक पर्व शर्मा तथा संदीप व सन्नी नारा मौजूद रहे।

जिलों और मंडलों में सम्मेलन और रथ यात्रा

सीएम ने कहा कि नवंबर-दिसंबर में प्रदेश के सभी जिलों और मंडलों में आत्मनिर्भर भारत संकल्प सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। व्यापारी सम्मेलन और एमएसएमई उद्योगपति सम्मेलन होंगे। कॉलेजों में युवाओं के लिए ‘संकल्प सेमिनार’ आयोजित किए जाएंगे और पूरे प्रदेश में ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प रथ यात्रा’ निकलेगी। दिवाली पर विदेशी लाइट्स के बजाय स्थानीय मिट्टी के दीयों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। ‘संकल्प फॉर आत्मनिर्भर भारत’ लोगो दुकानदारों और व्यापारियों को वितरित किए जाएंगे।

Advertisement
×