दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 जून
हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच अब बाॅर्डर लाइन तय होगी। दोनों राज्यों के बीच जमीन को लेकर चल रहे विवाद को निपटाने के लिए यह कदम उठाया गया है। सबसे अधिक विवाद दोनों राज्यों के किसानों के बीच रहता है। सर्वे ऑफ इंडिया से एरियर सर्वे करवा कर बाॅर्डर की सीमाएं तय की गई हैं। इतना ही नहीं, सीमेंट के स्ट्रक्चर के साथ ‘बाॅर्डर पिल्लर’ तैयार हो रहे हैं ताकि दोनों राज्यों की हद निर्धारित हो जाए।
पानीपत और सोनीपत जिलों में तो फसलों की कटाई के समय बाॅर्डर से सटे किसानों के बीच फायरिंग की घटनाएं भी होती हैं। इस विवाद को सुलझाने के लिए ही दोनों राज्यों की सरकारों ने सहमति जताई। अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद बाॅर्डर लाइन खींचने का निर्णय लिया गया। बाॅर्डर पर लगने वाले पिल्लर का आधा खर्चा हरियाणा तो आधा यूपी उठाएगी। बाॅर्डर पिल्लर का डिजाइन फाइनल हो चुका है।
इसी तरह से पंजाब के साथ भी सीमा विवाद को निपटाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। बलटाना (जीरकपुर) में जमीन को लेकर दोनों राज्यों में विवाद है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल इस बाबत जल्द ही पंजाब सरकार के रेवेन्यू सेक्रेटरी के साथ बैठक करेंगे। बलटाना के साथ पंचकूला का सेक्टर-19 सटा हुआ है। यह सेक्टर चंडीगढ़-नई दिल्ली रेलवे लाइन के उस पार यानी पंजाब के एरिया में है। इधर, यूपी और हरियाणा की सीमाओं को लेकर अगले सप्ताह सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ अहम बैठक होगी। इस बैठक में यूपी से सटे सोनीपत, पानीपत, करनाल, पलवल और फरीदाबाद जिलों के डीसी मौजूद रहेंगे। उत्तर प्रदेश व हरियाणा की बाउंड्री डिमार्केशन इस बैठक में होगी। करनाल डीसी द्वारा बाॅर्डर पर लगाए जाने वाले पिल्लर तैयार करवाए गए हैं। बैठक में वे पिल्लर को लेकर पूरी रिपोर्ट रखेंगे ताकि दोनों राज्य मिलकर इन पांचों जिलों में बार्डर पर पिल्लर लगा सकें। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने जुलाई से पहले करनाल जिले में पिल्लर लगाने का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसी तरह से बाकी चार जिलों के डीसी को भी एफसीआर संजीव कौशल द्वारा निर्देश दिए गए हैं। इस बाबत उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिला उपायुक्तों के साथ बैठक की। बैठक में सभी जिलों के डीसी मौजूद रहे। इस दौरान गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए शुरू की गई ‘स्वामित्व’ योजना की भी समीक्षा की गई। कौशल ने पानीपत डीसी को निर्देश दिए कि वे हर साल कम से कम 10 प्रतिशत जमाबंदी का काम पूरा करें।
89 दिन में तैयार होंगे ड्रोन मैप
वित्तायुक्त तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की योजना में तेजी लाने को कहा है। उन्होंने 89 दिनों में ड्रोन मैप तैयार करने का लक्ष्य तय किया है। अगले 21 दिनों में व्हाइट लाइन मार्किंग और ड्रोन फ्लाइंग का काम पूरा होगा। अगले तीन सप्ताह में डाटा प्रोसेसिंग का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वहीं फीचर एक्सट्रेक्शन का काम 33 दिन में पूरा होगा। मैप-1 का कार्य 32 दिनों में पूरा किया जाएगा। दूसरे चरण में यानी मैप-2 का कार्य 115 दिनों में पूरा किया जाएगा।
गांवों की निशानदेही
बैठक में बताया गया कि मोरनी के 14 गांवों की निशानदेही का कार्य सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा 20 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर हरियाणा के पंचकूला और पंजाब के बलटाना की सीमा विवाद को जल्द से जल्द निपटाने के लिए शीघ्र ही पंजाब के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में विवाद का समाधान हो पाएगा।
हरियाणा और यूपी के साथ चल रहे सीमा विवाद का सहमति से समाधान निकाला है। दोनों राज्यों की हद तय होगी। इसके लिए पांच जिलों – पानीपत, करनाल, सोनीपत, फरीदाबाद व पलवल में बाॅर्डर पर पिल्लर स्थापित होंगे। इसी तरह से पंजाब और हरियाणा के बीच बलटाना में चल रहे भूमि विवाद को सुलझाने के लिए बैठक होगी।
-संजीव कौशल, रेवेन्यू सेक्रेटरी