Haryana Unions Strike : हरियाणा के कई विभागों में कामकाज प्रभावित होने की आशंका; कर्मचारियों की हड़ताल आज, कई विभाग होंगे शामिल
चंडीगढ़, 8 जुलाई (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Haryana Unions Strike : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी संघों के आह्वान पर बुधवार को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल का हरियाणा में भी व्यापक असर देखने को मिल सकता है। कई विभागों के कर्मचारियों के अलावा मजदूर संगठनों ने हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया हुआ है। अगर ऐसा होता है तो कई विभागों में बुधवार को कामकाज प्रभावित हो सकता है। इस हड़ताल को लेकर प्रदेशभर में कर्मचारी संगठनों की बैठकें भी हो चुकी हैं।
कर्मचारी संगठनों का दावा है कि बिजली, शहरी स्थानीय निकाय, रोडवेज, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर), स्वास्थ्य, वन, टूरिज्म, शिक्षा, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण सहित कई विभागों व बोर्ड-निगमों के कर्मचारी इसमें शामिल होंगे। इसी तरह से बैंकों, इंश्योरेंस, जरनल इंश्योरेंस, पोस्टल, दूरसंचार केंद्रों के कर्मचारी भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भागीदार बनेंगे।
हरियाणा के कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर आंगनवाड़ी, आशा व मिड-डे-मील वर्करों सहित ग्रामीण सफाई कर्मचारी भी हड़ताल पर रहने की उम्मीद है। इसी तरह से फरीदाबाद, गुरुग्राम, धारूहेड़ा, मानेसर, सोनीपत, पानीपत आदि में कार्यरत औद्योगिक मजदूर भी इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। हड़ताल के दौरान कर्मचारी और मजदूर सड़कों पर उतरेंगे और विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांगों को उठाएंगे। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि हड़ताल का हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश सहित देश के सभी सभी राज्यों में व्याप्त असर रहेगा।
राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों ने हड़ताल की व्यापक तैयारियां की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी हड़ताल के समर्थन का ऐलान किया है। कर्मचारी और मजदूर हड़ताल करेंगे और अपने अपने कार्यस्थलों पर केंद्र एवं राज्य सरकार की मजदूर एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद सभी हड़ताली मजदूर व कर्मचारी जिला और खंड स्तर पर एकत्रित होकर जुलूस निकालेंगे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
इन मांगों को लेकर हड़ताल
-पूंजीपतियों के हक में 29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए गए मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड्स को वापस लिया जाए
-सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए
-सभी प्रकार के आउटसोर्स ठेका कर्मियों और आंगनवाड़ी, आशा, मिड-डे-मील वर्करों को नियमित किया जाए
-पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन लागू की जाए और 18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज किया जाए
-आठवें पे कमीशन का गठन किया जाए और राज्य कर्मियों के लिए अलग से वेतन आयोग गठित किया जाए।
-आबादी और वर्कलोड के अनुसार नये पद सृर्जित हों। सभी रिक्त पदों को स्थाई भर्ती से भरा जाए
-केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को वापस लिया जाए
-संविधान के अनुच्छेद 311(2) ए,बी व सी और एस्मा जैसे काले कानूनों को खत्म किया जाए
मनरेगा में 200 दिन काम ओर 800 रूपये मजदूरी तय की जाए
-सरकारी सहायता से कैशलैस मेडिकल सुविधा मिले। यह सुविधा ठेका कर्मियों व पेंशनर्स को भी प्रदान की जाए
-पेंशनर्स की 65, 70 व 75 साल की उम्र में बेसिक पेंशन में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाए
-पेंशन कम्यूट राशि को 15 की बजाय 10 साल 8 महीने में रिकवरी की जाए