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हरियाणा को भी मिले बाढ़ग्रस्त राज्य का दर्जा, किसानों को मिले न्याय : दीपेन्द्र

लोकसभा में उठाई आवाज, कहा - पड़ोसी राज्यों को राहत, हरियाणा को क्यों नहीं
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा। फाइल
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कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने लोकसभा में हरियाणा के लाखों किसानों की परेशानी को मजबूती से उठाते हुए मांग की कि जिस तरह केंद्र सरकार ने दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को बाढ़ग्रस्त घोषित कर राहत पैकेज जारी किए, उसी तरह हरियाणा को भी तुरंत बाढ़ग्रस्त घोषित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा को राहत सूची से बाहर करना किसानों के साथ भेदभाव और सरासर अन्याय है।बृहस्पतिवार को संसद में मामले को उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि अगर बादल दिल्ली से पंजाब जा सकते हैं तो क्या वे हरियाणा को छोड़कर गुजरेंगे। एक तरफ हिमाचल है, दूसरी तरफ उत्तराखंड, ऐसे में हरियाणा को राहत के दायरे से बाहर रखना समझ से परे है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को 1500 करोड़, पंजाब को 1500 करोड़ और उत्तराखंड को 1200 करोड़ की सहायता की घोषणा की, लेकिन हरियाणा के लिए कोई भी पैकेज घोषित नहीं किया गया।

दीपेंद्र ने आंकड़े सदन में रखते हुए कहा कि हरियाणा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर लगभग 5.5 लाख किसानों ने नुकसान का दावा दर्ज कराया, लेकिन सरकार ने सिर्फ 53,000 किसानों को ही राहत दी। उन्होंने इसे सरकार की ग़लत नीयत बताते हुए चेतावनी दी कि यदि किसानों को उचित मुआवजा न मिला तो वे सड़क तक विरोध करने को मजबूर होंगे।

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सांसद ने जोर देकर कहा कि व्यापक जलभराव और बाढ़ से फसलें पूरी तरह बर्बाद हुई हैं, इसलिए हरियाणा के प्रभावित किसानों को न्यूनतम 50,000 प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की आजीविका इसी पर निर्भर है और सरकार को तत्काल राहत घोषित कर उनके दर्द को समझना चाहिए। हुड्डा ने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया कि हरियाणा को भी बाढ़ग्रस्त घोषित कर अन्य राज्यों की तरह उचित सहायता दी जाए, ताकि किसान राहत की उम्मीद के साथ अपनी जिंदगी को दोबारा पटरी पर ला सकें।

 

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