Haryana Road Accident : नवंबर में सड़क हादसों में गिरावट, पुलिस ने चलाई विशेष मुहिम
Haryana Road Accident : हरियाणा में नवंबर महीना सड़क सुरक्षा के लिहाज से बड़ी राहत लेकर आया है। सड़क हादसे, मौतें और घायलों की संख्या - तीनों में भारी कमी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि संवेदनशील पहल और ‘मिशन जीवन रक्षा’ जैसे अभियानों ने राज्य में सड़क अनुशासन को नई दिशा दी है। यह कमी सिर्फ आंकड़ों में सुधार नहीं, बल्कि हरियाणा पुलिस के बदलते माइंडसेट और योजनाबद्ध एक्शन का परिणाम है, जहां दुर्घटना को मानव निर्मित आपदा मानकर रोकथाम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
एडीजीपी ट्रैफिक एवं हाईवे हरदीप दून द्वारा डीजीपी को भेजी रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर के 994 से दुर्घटनाएं घटकर नवंबर में 867 रह गईं। इसी तरह सड़क हादसों में अक्तूबर में 408 लोगों की जान गई थी। वहीं नवंबर में 384 ने जान गंवाई। सड़क हादसाों में अक्तूबर में 1084 और नवंबर में 1016 लोग घायल हुए। डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि पुलिस सड़क हादसों को सामान्य घटना नहीं, बल्कि मानव निर्मित आपदा मानते हुए रोकथाम के गंभीर प्रयास करने में जुटी है।
सभी जिलों को दिए गए निर्देशों के बाद थाना-चौकी स्तर पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए। ओवरस्पीडिंग व अवैध कटों पर तत्काल कार्रवाई की गई। रात में हाईवे पेट्रोलिंग बढ़ाई गई और खराब व दुर्घटनाग्रस्त वाहन के आगे रिफ्लेक्टर व चेतावनी टेप लगाना अनिवार्य किया गया। डीजीपी ने कहा कि 11 से 25 नवंबर के विशेष अभियान में पुलिस ने राज्यभर में सड़क सुरक्षा का विस्तृत ऑडिट किया।
‘गोल्डन ऑवर’ में बचाई 367 लोगों की जान
पुलिस ने दुर्घटना के पहले घंटे को जीवनरक्षक मानते हुए तेज कार्रवाई की। 367 घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। यमुनानगर, फतेहाबाद और फरीदाबाद पुलिस ने हिट एंड रन के 89 मामलों को सिर्फ 10 दिनों में सुलझाया। अभियान के दौरान पुलिस ने सड़कों पर खड़े जोखिम भरे 5400 से अधिक वाहनों को हटाया। ट्रक ड्राइवरों से संवाद कर 2,605 चालकों को जागरूक किया गया। यही नहीं, ओवरस्पीड के 13 हजार 293 ओवरस्पीडिंग तथा ड्रंक ड्राइविंग के 2 हजार 456 चालान किए गए।
