Haryana review meeting : कैश अवार्ड व स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे खिलाड़ी, CM ने पोर्टल किया लांच
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 अप्रैल।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खेल स्टेडियम और नर्सरियों में खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाओं के लिए विशेष कार्ययोजना बनेगी। विशेष उत्कृष्ट खेलों पर फोकस करते हुए एक्सीलेंस सेंटर भी बनाए जाएं। साथ ही प्रदेश के खिलाड़ियों को यूनिक आईडी अलॉट की जाएगी। मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में खेल विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों के साथ इन मुद्दों पर चर्चा की और उन्हें निर्देश दिए। बैठक के दौरान खेल, युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता राज्य मंत्री गौरव गौतम भी मौजूद थे।
सीएम ने खिलाड़ियों के लिए कैश अवार्ड्स और स्कॉलरशिप प्रबंधन प्रणाली के लिए पोर्टल लांच किया गया। इसके जरिए खेल विभाग से मिलने वाली स्कॉलरशिप तथा कैश अवार्ड्स के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि पारदर्शी तरीके से एक खिलाड़ी को सहुलियत के साथ इनका लाभ मिल पाएगा। नकद पुरस्कार योजना के तहत वर्ष 2014 से अब तक 16305 खिलाड़ियों को विभाग ने 599.43 करोड़ रुपये आबंटित किए है।
खेल अधिकारियों ने सीएम को बताया कि विभाग सभी नागरिकों को खेलों में भाग लेने, सामूहिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने और खेलों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए समान अवसर प्रदान कर रहा है। प्रदेश में 3 राज्य स्तरीय, 21 जिला स्तरीय, 25 उपमंडल स्तरीय, 163 राजीव गांधी खेल परिसर, 245 मिनी ग्रामीण स्टेडियम है। इनमें खिलाड़ियों को सहुलियत प्रदान की जा रही है। साथ ही, करीब 1500 नर्सरियां है। इनकी संख्या भी 2000 होगी।
पलवल के लिए खास योजना
मुख्यमंत्री सैनी ने प्रदेश के किक्रेट स्टेडियम को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने पंचकूला के क्रिकेट स्टेडियम के ग्राउंड और सिटिंग एरिया को दुरुस्त करने, हाई-मास्क लाइट लगाने तथा बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। फरीदाबाद स्थित राजा नाहर सिंह स्टेडियम में भी इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में पलवल में भी 100 एकड़ भूमि पर एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल परिसर के निर्माण को लेकर भी चर्चा की गई। इसके लिए एक खास परियोजना बनेगी। इसमें क्रिकेट स्टेडियम, बहुउद्देश्यीय हॉल, बैडमिंटन हॉल, बॉक्सिंग हॉल, एथलैट्स मैदान, फिटनेस एवं रहैब सेंटर, होटल एवं रेस्टोरेंट्स आदि की सुविधा के साथ 35 से 50 हजार दर्शकों के बैठने की सुविधा होगी। इस बारे में विकल्प तलाशने बारे भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
जीओ बेस्ड होगी हाजिरी, मुकाबले भी होंगे
सैनी ने खेल विभाग के अधिकारियों को कहा कि प्रदेश में चल रही खेल नर्सरियों में इंटर खेल नर्सरी, जिला स्तर पर और राज्यस्तरीय मुकाबले करवाए जाएं। इनमें पहले, दूसरे तथा तीसरे स्थान पर आने वाले बच्चों के ग्रुप बनाएं जाएं ताकि इनके हुनर का पता लग सके। बाद में इन बच्चों को उनकी काबिलियत के हिसाब से ना सिर्फ प्रोत्साहित किया जाए। बैठक में खिलाड़ियों को दी जाने वाले डाइट मनी बढ़ाने के विषय, कोच की सैलरी बढ़ाने जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई।
कोच और खेल अधिकारियों में हो समन्वय
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी कारगार कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि ऐसी योजना बनाई जाएगी, जिसके तहत कोच और जिला के खेल अधिकारियों के बीच आपस में समन्वय अच्छा हो। कोच को अगर कोई समस्या है, तो वो उस बारे में जिला खेल अधिकारियों को चर्चा करें और वहां से फीडबैक विभाग के आला अफसरों के पास आएं। ऐसा इसलिए किया जाए ताकि खिलाड़ियों की समस्याओं का समय रहते समाधान हो सके।
महिला खिलाड़ियों के लिए सहूलियत हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए लगातार तत्पर है। हाल ही के बजट में भी इसे लेकर खास प्रावधान किए गए है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशों से दूर रखने के लिए खेल एक उत्कृष्ट साधन है। ऐसे में प्रदेश सरकार खेलों पर खास फोकस किए हुए है।
खिलाड़ियों के लिए बीमा योजना, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाना, स्पोर्ट्स के सभी साधन और कोच इत्यादि की उपलब्धता करना सुनिश्चित किया जाएं। बैठक में खेल विभाग के प्रमुख सचिव नवदीप सिंह विर्क, महानिदेशक संजीव वर्मा, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) विवेक पदम सिंह भी मौजूद थे।