राव इंद्रजीत की डिनर डिप्लोमेसी से गरमाई हरियाणा की सियासत
दिनेश भारद्वाजट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 1 जुलाई। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के डिनर ने हरियाणा की राजनीति को गरमा दिया है। हालांकि डिनर की यह घटना पुरानी है, लेकिन इसका राज अब खुला है। पिछले दिनों राव इंद्रजीत सिंह दो दिन के चंडीगढ़ प्रवास पर आए थे। उनकी बेटी व अटेली विधायक आरती सिंह राव नायब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। आरती सिंह राव की सेक्टर-7 स्थित सरकारी कोठी पर ही विधायकों के लिए डिनर पार्टी का आयोजन हुआ।
अहम बात यह है कि इस डिनर में दक्षिण हरियाणा के ही विधायकों को आमंत्रित किया गया था। कुल 12 विधायक रात्रिभोज में पहुंचे। इनमें 11 भाजपा के और एक कांग्रेस विधायक शामिल रहीं। हालांकि इसे सामान्य डिनर ही कहा जाएगा लेकिन पिछले कुछ दिनों से राव इंद्रजीत सिंह के बोल को अगर देखेंगे तो इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जाएंगे। ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस डिनर के जरिये राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी राजनीतिक पकड़ का अहसास करवाने की कोशिश की है।
बेशक, भाजपा की सियासत में यह अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें एक ही घर में दो मंत्री पद हैं। राव इंद्रजीत सिंह जहां मोदी कैबिनेट में शामिल हैं वहीं उनकी बेटी आरती सिंह राव हरियाणा में कैबिनेट मंत्री हैं। डिनर की खबर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में फैली तो इसमें शामिल हुए विधायकों को भी अब सफाई देनी पड़ रही है। बेशक, वे सभी यही कह रहे हैं कि रुटीन का रात्रिभोज था। इसमें किसी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
ये विधायक हुए शामिल
डिनर में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव सहित भाजपा के 11 विधायक शामिल रहे। इनमें महेंद्रगढ़ विधायक कंवर सिंह यादव, नारनौल से ओमप्रकाश यादव, पटौदी से बिमला चौधरी, रेवाड़ी से लक्ष्मण सिंह यादव, कोसली से अनिल ढहीना, बावल से डॉ़ कृष्ण कुमार, सोहना से तेजपाल तंवर, गुरुग्राम से मुकेश शर्मा, चरखी दादरी से सुनील सतपाल सांगवान और बाढ़डा से उमेद पातूवास शामिल हैं।
मंजू चौधरी भी पहुंचीं
नांगल-चौधरी हलके से कांग्रेस विधायक मंजू चौधरी भी राव इंद्रजीत सिंह के डिनर में शामिल हुईं। मंजू चौधरी ने इस बार नायब सरकार के पहले कार्यकाल में सिंचाई मंत्री रहे डॉ़ अभय सिंह यादव को चुनाव हराया है। विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान भी मंजू चौधरी ने यह संकेत देने की कोशिश की थी कि राव इंद्रजीत सिंह का समर्थन उन्हें हासिल है। राव इंद्रजीत सिंह और अभय सिंह यादव में छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
नहीं बुलाए गए नरबीर
दक्षिण हरियाणा के हलकों के सभी विधायकों को इस डिनर में आमंत्रित किया गया था लेकिन बादशाहपुर विधायक राव नरबीर सिंह को इसका न्योता नहीं दिया गया। राव नरबीर सिंह नायब सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री हैं। राव इंद्रजीत सिंह और नरबीर सिंह के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में भी राव नरबीर सिंह कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। 2019 में राव इंद्रजीत सिंह के विरोध के वजह से ही सिटिंग विधायक होते हुए उनकी टिकट कट गई थी।
इसलिए सुर्खियों में हैं इंद्रजीत
पिछले दिनों राव इंद्रजीत सिंह ने एक इंटरव्यू में सरकार पर बड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि मुख्यमंत्री तो नायब सिंह सैनी हैं, लेकिन सीएमओ में पूरा स्टॉफ मनोहर लाल के समय का है। उन्होंने यह भी कहा था कि मनोहर लाल ने पूरे प्रदेश में समान विकास तो करवाया लेकिन वे जननेता नहीं बन सके। 15 जून को रेवाड़ी के राव तुलाराम स्टेडियम में हुई धन्यवाद रैली में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने ही मंच से राव इंद्रजीत सिंह ने कड़े तेवर दिखाए थे।
तब थे सुधारक विधायक
यहां बता दें कि मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान भी 18 से अधिक विधायक एकजुट हुए थे। उस समय विधायकों का नेतृत्व रेवाड़ी से विधायक रहे रणधीर सिंह कापड़ीवास कर रहे थे। इन विधायकों ने उस समय के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। बैठकों के कई दौर के बाद ये विधायक शांत भी हो गए थे। उस समय असंतुष्ट विधायकों को सुधारक विधायक कहा गया। 2019 के चुनाव में इनमें से कुछ के टिकट भी कटे थे। बेशक, राव इंद्रजीत सिंह के रात्रिभोज के पीछे फिलहाल कोई नाराजगी या राजनीति नहीं दिखती। लेकिन डिनर डिप्लोमेसी के जरिये वे चर्चाओं में जरूर आ गए हैं।