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Haryana politics: दिल्ली के चुनाव नतीजों के बाद अब हरियाणा में बढ़ेगी सियासी गरमी

दिनेश भारद्वाज/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 8 फरवरी नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद अब हरियाणा में भी राजनीतिक माहौल गरमाएगा। प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों – नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका के चुनावों...
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 8 फरवरी

नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद अब हरियाणा में भी राजनीतिक माहौल गरमाएगा। प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों – नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका के चुनावों का ऐलान हो चुका है। सत्तारूढ़ भाजपा व प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस अब इन चुनावों को लेकर सक्रिय होंगे। दोनों पार्टियों ने नगर निगम के चुनाव सिम्बल पर लड़ने का निर्णय लिया है। निगमों के अलग-अलग चुनावी घोषणा-पत्र भी जारी करेंगे।

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पिछले दिनों पंचकूला में हुई भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में निकाय चुनावों की रणनीति तय की जा चुकी है। भाजपा यह स्पष्ट कर चुकी है कि निकाय चुनावों के लिए स्थानीय मुद्दों के हिसाब से पार्टी के ‘संकल्प पत्र’ तैयार होंगे। भाजपा द्वारा संकल्प-पत्र तैयार करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कमेटी का गठन किया जाएगा। अभी तक पार्टी के दिग्गज नेता दिल्ली के चुनावों में व्यस्त थे। अब वे हरियाणा के निकाय चुनावों के लिए जोर लगाएंगे। संकल्प-पत्र कमेटियों का गठन जल्द ही किया जा सकता है।

वहीं दूसरी ओर, शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई कांग्रेस की बैठक में पूर्व शिक्षा मंत्री व झज्जर विधायक गीता भुक्कल की अध्यक्षता में चुनावी घोषणा-पत्र कमेटी बनाने पर सहमति बन चुकी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह ने इस बैठक में गीता भुक्कल के नाम की सिफारिश की थी। दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों का घोषणा-पत्र भी गीता भुक्कल की अध्यक्षता वाली कमेटी से बनवाया था। बीरेंद्र सिंह ने बैठक में कहा कि गीता भुक्कल को अनुभव है, ऐसे में निकायों की जिम्मेदारी भी उन्हें दी जानी चाहिए।

इसलिए अलग होंगे घोषणा-पत्र

लोकसभा व विधानसभा चुनावों में एक ही घोषणा-पत्र जारी होता है। लेकिन निकाय के चुनावों में मुद्दे अलग-अलग होते हैं। ऐसे में शहरों की जरूरत व मुद्दों के हिसाब से पार्टियां अलग-अलग चुनावी घोषणा-पत्र जारी करेंगी। उदाहरण के तौर पर नई दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद व मानेसर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले लोगों के मुद्दे और जरूरतें अलग हैं। तो उसी तरह हिसार, यमुनानगर, रोहतक तथा करनाल व पानीपत नगर निगम के मुद्दे अलग होंगे। इसी वजह से दोनों प्रमुख दलों – भाजपा व कांग्रेस ने निकायों के अलग-अलग चुनावी घोषणा-पत्र जारी करने का निर्णय लिया है।

भाजपा देगी ट्रिपल इंजन का नारा

सत्तारूढ़ भाजपा ने हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाई है। केंद्र में भी मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनी है। सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनाव ‘डबल इंजन’ की सरकार के नाम पर लड़े थे। अब निकायों में ‘ट्रिपल इंजन’ की सरकार के नाम पर वोट मांगे जाएंगे। भाजपाइयों ने यह पहले ही कहना शुरू कर दिया है कि शहरों के लोग भाजपा के साथ जाएंगे और ट्रिपल इंजन की सरकार में ट्रिपल गति के साथ शहरों का विकास होगा।

भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस

कांग्रेस ने निकाय के चुनावों मे मूलभूत सुविधाओं के अभाव के साथ-साथ निकायों के भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर-शोर से उठाने का फैसला लिया है। फरीदाबाद नगर निगम में 200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले को लेकर पहले भी कई बार आवाज उठाई जा चुकी है। गुरुग्राम नगर निगम में कूड़ा घोटाल भी सुर्खियों में रह चुका है। यमुनानगर नगर निगम सहित दूसरे कई और शहरों में भी भ्रष्टाचार के आरोप विपक्षी दल लगाते रहे हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो के अलावा विधानसभा की कमेटियों के पास भी भ्रष्टाचार के मामले पहुंचे हैं।

कई निकायों की आर्थिक हालत कमजोर

हरियाणा के कई निकायों की आर्थिक हालत बहुत खराब है। ऐसे में निकाय सरकार की मदद पर निर्भर करते हैं। मनोहर सरकार के समय से ही निकायों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। मनोहर सरकार के समय ही जमीनों की रजिस्ट्री, शराब बिक्री के अलावा बिजली बिलों में भी सरचार्ज आदि लगाकर निकायों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने की कोशिश की जाती रही है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर हमेशा से ही निकायों को अपने पैरों पर खड़ा करने के पक्षधर रहे हैं। उनके कार्यकाल में निकायों के आय के स्रोत बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।

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