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हरियाणा पुलिस का नया मिशन: ‘फाइटिंग फिट और वर्किंग ऑर्डर’

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा - हर थाना बने जनता का विश्वास, हर पुलिसकर्मी सुरक्षित

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ओपी सिंह, कार्यवाहक डीजीपी हरियाणा
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हरियाणा पुलिस ने अपने इतिहास में एक नई पहचान बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर साफ संदेश दिया कि हरियाणा पुलिस की कार्यशैली अब पूरी तरह बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस अब केवल कार्रवाई करने वाली संस्था नहीं, बल्कि जनता के प्रति जवाबदेह, समाधान केंद्रित और प्रोएक्टिव बनकर उभरेगी।शुक्रवार को पंचकूला पुलिस मुख्यालय में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। रेंज व जिलों के आला पुलिस अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुड़े। ओपी सिंह ने कहा - हर थाना जनता का विश्वास का प्रतीक बनेगा और हर पुलिसकर्मी सुरक्षित रहेगा। हम यहां जान देने के लिए नहीं, जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए हैं।

यहां बता दें कि पिछले दिनों ही आईपीएस वाई पूरन कुमार और एएसआई संदीप लाठर के सुसाइड के बाद से पुलिस विभाग में हड़कंप मचा था। ओपी सिंह ने स्पष्ट किया कि पुलिस की नई पहचान केवल कागज पर नहीं, बल्कि थानों और चौकियों की भौतिक स्थिति में सुधार से शुरू होगी। उन्होंने हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन को दो सप्ताह में सभी थानों की स्थिति सुधारने के आदेश दिए।

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पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन को रसोई, शौचालय और बिजली की वायरिंग की जांच व सुधार करने को कहा है। साथ ही, थानों को सुरक्षित, व्यवस्थित और साफ रखना होगा। इसी तरह सभी थानों का इंजीनियरों द्वारा व्यक्तिगत तौर पर निरीक्षण करना और इसकी रिपोर्ट देनी अनिवार्य होगी। डीजीपी ने जोर दिया कि हर थाना सुरक्षा, सफाई और कार्यकुशलता का प्रतीक होना चाहिए।

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फाइटिंग फिट और वर्किंग ऑर्डर

हरियाणा पुलिस अब ‘फाइटिंग फिट और वर्किंग ऑर्डर’ की नीति पर काम करेगी। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि ड्यूटी के दौरान मानवीय त्रुटि हो सकती है, लेकिन अनुशासनहीनता या बदमाशी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा - हम 365 दिन, 24 घंटे जनता की सेवा में तत्पर हैं। अपराधियों को कानून के अनुसार सलाखों के पीछे भेजा जाएगा, लेकिन किसी भी प्रतिकार पर तुरंत और उचित जवाब दिया जाएगा। इस नीति का मूल उद्देश्य है पुलिस को सशक्त, प्रशिक्षित और आत्मविश्वासी बनाना, ताकि हर पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य को पूरी क्षमता से निभा सके।

शहीद परिवारों के कल्याण में तेजी

डीजीपी ने पुलिसकर्मियों के कल्याण और शहीद परिवारों की मदद को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने निर्देश दिए कि शहीदों के परिवारों को तत्काल और नियमानुसार सहायता प्रदान की जाए। हर 15 दिन में उनकी स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। शहीदों के परिवार के काम रुकने नहीं चाहिए। उन्हें हर संभव मदद और सम्मान मिलेगा।

प्लीज, सॉरी व थैंक्यू सीखें

ओपी सिंह ने कहा कि जनता से व्यवहार और संवाद पुलिस की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण हैं। जिले के अधिकारी नियमित फील्ड विज़िट करें, पुलिसकर्मियों से संवाद करें और उनका मनोबल बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी ‘प्लीज’, ‘सॉरी’ और ‘थैंक्यू’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करें। जनता के साथ सहयोगात्मक और सम्मानजनक व्यवहार किया जाए। इसी तरह सोशल मीडिया और टीवी के माध्यम से जनता से पारदर्शी संवाद की जरूरत पर उन्होंने बल दिया।

फेक न्यूज पर कड़ी नजर

डीजीपी ने सोशल मीडिया पर सतर्कता बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। फेक न्यूज और पुलिस विरोधी अफवाहों पर कड़ी नज़र रखी जाएगी। जिले के अधिकारी रोजाना डिजिटल प्लेटफॉर्म और मीडिया के माध्यम से जनता को सूचित करेंगे। डीजीपी ने सभी थानों और चौकियों को मिलकर अपराध नियंत्रण में साझा रणनीति अपनाने का निर्देश दिया। नए पुलिस सब-इंस्पेक्टरों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देने के लिए हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक अर्शिंदर चावला को जिम्मेदारी दी गई।

वास्तविक पुलिसिंग सिखाई जाएगी

डीजीपी ने बताया कि प्रदेश में रेप के मामलों में 50 प्रतिशत की कमी आई है और कुल अपराधों में भी गिरावट दर्ज हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस विभाग में अनुशासन और जिम्मेदारी सर्वोपरि हैं। संवेदनशील इलाकों में अधिकारी बिना सूचना के छुट्टी पर नहीं जाएंगे। एसएचओ को छुट्टी से पहले आईजी को और एचपी को एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) को सूचित करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा - विभाग पहले, सुविधा बाद में। हर पुलिसकर्मी सुरक्षित रहे, जनता निडर रहे, और हर थाना जनता का विश्वास बनाए।

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