कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 3 जुलाई
हरियाणा फार्मेसी काउंसिल में पंजीकरण के लिए रिश्वत के मामले में पुलिस ने भिवानी निवासी एक दलाल और काउंसिल के उपप्रधान को गिरफ्तार किया है। काउंसिल के प्रधान एवं भाजपा नेता धनेश अदलखा व रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा का भी नाम इसमें आ रहा है।
सूत्रों ने बताया कि हिसार विजिलेंस पुलिस ने चरखी दादरी के भागवी गांव निवासी सत्यवान की शिकायत पर भिवानी निवासी दलाल सुभाष अरोड़ा, फार्मेसी काउंसिल के प्रधान धनेश अदलखा, उपप्रधान सोहन लाल कंसल, रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, 7-ए और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज किया है। सोहन लाल कंसल को हाल ही में फार्मेसी कांउसिल आॅफ इंडिया का सदस्य नियुक्त किया गया है।
पुलिस को दी शिकायत में सत्यवान ने बताया कि उसके बेटे सशान ने डी-फार्मेसी की थी। इसकेे बाद हरियाणा फार्मेसी काउंसिल में पंजीकरण करवाने के लिए आवेदन किया, लेकिन पंजीकरण नहीं हुआ तो दलाल सुभाष अरोड़ा से संपर्क हुआ। सुभाष अरोड़ा ने इस काम के लिए 65 हजार रुपये मांगे और कहा कि उसका काउंसिल के पदाधिकारियों से सीधा संपर्क है। इसके बाद 30 हजार रुपये उसको गूगल-पे के माध्यम से दे दिए। बाद में विजिलेंस को शिकायत दी तो टीम ने शनिवार को सुभाष अरोड़ा को भिवानी के पंचायती राज के एसडीओ प्रवीण बजाज व क्लर्क मुकेश कुमार की उपस्थिति में 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान सुभाष अरोड़ा ने फार्मेसी काउंसिल के प्रधान, रजिस्ट्रार व उपप्रधान की भी मामले में संलिप्तता बताई।
उसने बताया कि काउंसिल में पंजीकरण के लिए उसने सोहन लाल कंसल को 1.20 लाख रुपये दिये थे। इसके बाद विजिलेंस के इंस्पेक्टर धर्मवीर ने शनिवार रात सोहन लाल कंसल को हिसार के सेक्टर-13 स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के बाद विजिलेंस डीएसपी जीत सिंह ने उसके कब्जे से 42 हजार रुपये बरामद किए। डीएसपी जीत सिंह ने बताया कि सुभाष अरोड़ा और सोहन लाल कंसल को अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।
‘नियम विरुद्ध हुईं नियुक्तियां’
हरियाणा फार्मेसी काउंसिल के निर्वाचित सदस्य एवं पूर्व प्रधान केसी गोयल ने कहा कि दिनेश अदलखा, सोहन लाल कंसल व राजकुमार की नियुक्ति फार्मेसी काउंसिल एक्ट की अवहेलना करके हुई है। गाेयल ने आरोप लगाया कि इन्होंने काउंसिल से पांच करोड़ रुपये निकाले हैं और हाईकोर्ट के आदेश व एक्ट की अवहेलना करके काफी नियुक्तियां की हैं। उन्होंने कहा कि तीनों के खिलाफ अलग से मामला दर्ज करके गिरफ्तार किया जाना चाहिए।