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haryana news : रिश्वतखोरी और फर्जीवाड़े के दो बड़े मामले उजागर

फरीदाबाद और हिसार से दो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर आरोप लगे हैं। फरीदाबाद में साइबर एनआईटी थाने के सब इंस्पेक्टर को जमानत दिलाने के बदले रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार...
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फरीदाबाद और हिसार से दो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर आरोप लगे हैं। फरीदाबाद में साइबर एनआईटी थाने के सब इंस्पेक्टर को जमानत दिलाने के बदले रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी की गाड़ी से भी लाखों रुपये बरामद हुए। वहीं, हिसार में एक अविवाहित व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति फर्जी तरीके से बेचने के आरोप में महिला, डिप्टी मेयर और अन्य अधिकारियों पर केस दर्ज हुआ है। दोनों घटनाओं ने प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सब इंस्पेक्टर रिश्वत लेते गिरफ्तार, गाड़ी से साढ़े 7 लाख बरामद

जमानत के बदले रिश्वत मांगने पर एसीबी की कार्रवाई

राजेश शर्मा/हप्र

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फरीदाबाद, 22 नवंबर

जमानत दिलाने के नाम पर साढ़े 12 लाख रुपये की रिश्वत मांगने वाले हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी की गाड़ी से 7.47 लाख रुपये अतिरिक्त नकदी बरामद हुई। इस मामले में उसका साथी सब इंस्पेक्टर राम मौके से फरार हो गया, जिसे पकड़ने के लिए एसीबी की टीमें जुटी हुई हैं।

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि साइबर एनआईटी थाने में उसके और उसके दोस्त विशाल के खिलाफ मामला दर्ज है। दोनों जमानत पर जेल से बाहर थे, लेकिन केस में मदद के लिए सब इंस्पेक्टर अर्जुन और राम ने 12.50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने जाल बिछाया। गुरुवार रात शिकायतकर्ता को पाउडर लगे नोट देकर एसआई अर्जुन सिंह और राम के पास भेजा गया। जैसे ही अर्जुन सिंह ने पैसे लिए, एसीबी टीम ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद एसीबी टीम ने अर्जुन सिंह की गाड़ी की तलाशी ली, जिसमें से 7.47 लाख रुपये नकद बरामद हुए। जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह रकम रिश्वत की ही थी या अन्य मामलों से जुड़ी हुई है।

साथी सब इंस्पेक्टर फरार

इस मामले में शामिल दूसरा आरोपी सब इंस्पेक्टर राम गिरफ्तारी के दौरान फरार हो गया। एसीबी ने उसकी तलाश शुरू कर दी है और टीम ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी है। एसीबी मामले की गहन जांच कर रही है और रिश्वतखोरी में शामिल अन्य संभावित व्यक्तियों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। इस कार्रवाई ने पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

महिला, डिप्टी मेयर, पटवारी, तहसीलदार पर आरोप, केस दर्ज

अविवाहित की मौत के बाद पत्नी बन संपत्ति बेचने का मामला

कुमार मुकेश/हप्र

हिसार, 22 नवंबर

हिसार में एक अविवाहित व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति हड़पने के आरोप में पुलिस ने महिला, नगर निगम के डिप्टी मेयर, पटवारी और तहसीलदार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। मृतक के सगे भाई की बहन ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने मिलकर फर्जी वारसान रिपोर्ट तैयार कर अविवाहित भाई की संपत्ति बेची। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस के अनुसार, शहर थाना ने कमला नगर निवासी प्रिया चुघ की शिकायत पर आजाद नगर निवासी सोनामनी हलदार, नगर निगम के डिप्टी मेयर जयबीर गुज्जर, पटवारी और तत्कालीन तहसीलदार के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बहन की शिकायत पर कार्रवाई : शिकायत में प्रिया चुघ ने बताया कि उसके भाई साहिल चुघ की 25 नवंबर, 2023 को मृत्यु हो गई थी। साहिल अविवाहित था और उसका कोई संतान नहीं था। उसकी संपत्ति के अलावा कोई वारिस नहीं था। साहिल की संपत्ति में हांसी के सेक्टर 6 में एक मकान, अमर एनक्लेव में 110 वर्ग गज का एक प्लॉट, अमर विहार-2 में 200 वर्ग गज का एक और प्लॉट, सुभाष मार्केट में दुकान और अग्रोहा में 12 मरला जमीन शामिल थी। इसके बाद, सोनामनी हलदार ने डिप्टी मेयर जयबीर गुज्जर और तहसीलदार के साथ मिलकर 10 अप्रैल, 2024 को एक फर्जी वारसान रिपोर्ट तैयार करवाई। रिपोर्ट में मृतक का सही पता और आधार नंबर नहीं था, और इसे बिना किसी पुष्टि के तसदीक कर दिया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर सोनामनी ने 23 अगस्त, 2024 को साहिल की दुकान को बेच दिया।

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