Haryana News: जींद में रोडवेज कर्मियों का प्रदर्शन, 20 मई को करेंगे चक्का जाम
जसमेर मलिक/हप्र, जींद, 28 अप्रैल
Haryana News: हरियाणा रोडवेज के जींद डिपो में सोमवार को रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने परिवहन विभाग के महानिदेशक के रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि 15 मई को अंबाला में परिवहन मंत्री के निवास स्थान पर न्याय मार्च निकाला जाएगा। 20 मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में पूर्ण भागीदारी की जाएगी और बसों का चक्का जाम किया जाएगा।
जींद डिपो सांझा मोर्चा में शामिल विभिन्न यूनियनों के प्रधान राममेहर रेढू, अनूप श्योकंद, सज्जन कंडेला, रमेश सहरावत की अध्यक्षता में रोडवेज कर्मचारी बस स्टैंड पर एकत्रित हुए। कर्मचारी नेता अनूप लाठर, संदीप रंगा, राजकुमार रधाना ने कहा कि सरकार प्राइवेट बसों को 362 रूटों पर 3658 रूट परमिट देने पर अड़ी हुई है, जबकि जनता सरकारी बसों की मांग कर रही है, क्योंकि यात्रियों को ज्यादा सुविधाएं केवल रोडवेज बस में ही मिलती हैं। रोडवेज बसें प्राइवेट बसों से ज्यादा टैक्स जमा करवाती हैं।
अनूप लाठर समेत कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अगर निजीकरण की पॉलिसी वापस नहीं लेती और परिवहन मंत्री तथा अधिकारियों के साथ हुई बातचीत का पत्र जारी नहीं करती, तो परिवहन विभाग के महानिदेशक के नकारात्मक रवैये के खिलाफ डिपो में प्रदर्शन करते हुए 15 मई को अंबाला में न्याय मार्च निकाला जाएगा। इसका नोटिस जीएम के माध्यम से महानिदेशक राज्य परिवहन हरियाणा को भेजा गया। अगर सरकार फिर भी मांगों के प्रति गंभीर नहीं हुई तो 20 मई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में पूर्ण चक्का जाम रहेगा।
ये हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें
- परिचालकों का पे-ग्रेड काम के आधार पर बढ़ाया जाए।
- लिपिकों का वेतनमान बढ़ाया जाए। चालकों को हेवी चालक ग्रेड पे स्केल दिया जाए।
- रात्रि ठहराव एक महीने के 10 से बढ़ाकर 25 करने का पत्र जारी किया जाए।
- चालक,परिचालक, निरीक्षक, उपनिरीक्षक, वर्कशॉप के कर्मियों को देय अर्जित अवकाश का पत्र जारी किया जाए।
- 2002 में लगे चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए और पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल किया जाए।
- वर्कशॉप में 2018 में लगे ग्रुप- D के कर्मचारियों को कॉमन कडर से अलग किया जाएगा। उन्हें तकनीकी पदों पर पदोन्नति करने की सहमति बनी थी।
- सभी श्रेणियों की लंबित प्रमोशन 15 अगस्त 2024 से पहले करने का निर्णय लिया गया था लेकिन यह अभी तक लागू नहीं किया गया है।
- लोकल रूटों पर ओवरटाइम देने की 35 की रिसीट की शर्त को खत्म किया जाए।