Haryana News : बिजली के बढ़े दामों के खिलाफ आयोग में रिव्यू याचिका दायर, पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत सिंह ने टैरिफ को दी चुनौती, फिर से सुनवाई की मांग
चंडीगढ़, 30 जून (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Haryana News : हरियाणा में बिजली की दरों में बढ़ोतरी को पूर्व वित्त मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रो. संपत सिंह ने चुनौती दी है। प्रो. सिंह ने बिजली के टैरिफ को चुनौती देते हुए हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) में रिव्यू (समीक्षा) याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि आयोग कानून के तहत याचिका को एडमिट करके इस पर सुनवाई भी कर सकता है। आयोग चाहे तो बढ़ी हुई दरों पर स्वत़ संज्ञान लेकर भी सुनवाई शुरू कर सकता है।
उनका कहना है कि अगर आयोग ने इस मामले में सुनवाई नहीं की तो वे ट्रिब्यूनल में जाएंगे। सोमवार को आयोग में याचिका दाखिल करने के बाद चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से रूबरू हुए प्रो. संपत सिंह ने कहा कि 28 मार्च, 2025 को आयोग द्वारा जारी किए गए टैरिफ को लेकर उन्होंने यह याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा कि जून के दूसरे और तीसरे सप्ताह में आए बिलों के बाद उपभोक्ताओं के पैरों तले की जमीन खिसक गई है।
बिजली के बिल दो गुणा तक बढ़कर आए हैं। सरकार द्वारा टैरिफ में मामूली बढ़ोतरी करने और कई श्रेणियों को राहत देने के दावे को नकारते हुए संपत सिंह ने कहा कि फिक्सड चार्ज की वजह से उपभोक्ताओं पर अधिक बोझ पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में बिजली की बढ़ी दरों के विरोध में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। यह पहला मौका है जब उद्योगपतियों को भी आंदोलन करना पड़ रहा है। राजस्थान व नई दिल्ली के टैरिफ का जिक्र करते हुए संपत सिंह ने कहा कि ऐसे में हरियाणा से उद्योगों के पलायन का खतरा बढ़ जाएगा।
यहां तक कि कमर्शियल उपभोक्ता को भी एलटी एंड एचटी आपूर्ति शुल्क के साथ मिलाकर भी झटका दिया है। फिक्सड चार्जिज भी 165 रूप्ये प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 290 रुपये प्रति केवीए कर दिए है। दरें भी 6.65 रुपये प्रति यूनिट से 6.95 प्रति यूनिट की हैं। जिन औद्योगिक उपभोक्ताओं के पास 50 किलोवाट से अधिक लोड है, उनकी 6.55 रुपये प्रति यूनिट की दरो को बढ़ाकर 7.25 रुपये प्रति यूनिट किया है। इनके फिक्सड चार्जिज भी 165 रूप्ये प्रति केवीए से बढ़ाकर 290 रूप्ये प्रति केवीए कर दिए है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में 125 और राजस्थान में 160 रुपये निर्धारित शुल्क है।
22 प्रतिशत का नुकसान
प्रो. संपत सिंह ने कहा कि बिजली कंपनियां 7964.28 करोड़ यूनिट की विभिन्न बिजली उत्पादन इकाइयों से बिजली 3.12 रुपये प्रति यूनिट के दर खरीद रही हैं। वे उपभोक्ताओं को 7 रुपये 29 पैसे प्रति यूनिट की दर से बेच रही हैं। कुल खरीदी गई बिजली में से उपभोक्ता को केवल 6916 करोड़ यूनिट दी जानी हैं। रास्ते में नुकसान 22 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए उपभोक्ता को उस ऊर्जा के लिए 22 प्रतिशत अधिक भुगतान करना होगा, जो उन्हें दी ही नहीं है।
उदय के बाद भी बढ़ा घाटा
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने ‘उदय’ योजना का बड़ा बखान किया। 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बिजली निगमों का कर्जा सरकार ने अपने सिर लिया। 2021 में दावा किया गया कि उदय अपनाने के लिए 800 करोड़ का मुनाफा हुआ है। वहीं 2023 में 400 करोड़ रुपये के करीब का घाटा हुआ। इससे साफ है कि बिजली कंपनियों का प्रबंधन अच्छा नहीं है। इसी वजह से उदय योजना अपनाने के बाद भी घाटा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जब कंपनियां मुनाफे में आई तो भी सरकार ने बिजली दरें कम नहीं की।