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Haryana News : झूठे आरोपों के मामले में जेल जा चुकी रेखा धीमान को सीएम से दिलवाया सम्मान, बवाल के बाद जांच के आदेश

महिला बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल, एडीसी करेंगे जांच
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तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है
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जसमेर मलिक/जींद, 9 मार्च (हमारे प्रतिनिधि)

Haryana News : महिला सशक्तिकरण के नाम पर जींद की कथित समाजसेविका रेखा धीमान को मुख्यमंत्री नायब सैनी के हाथों अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित करवाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। रेखा धीमान वही महिला है, जिस पर जींद, रोहतक और हिसार में 26 लोगों पर झूठे दुष्कर्म के आरोप लगाने और ब्लैकमेलिंग के कई मामले दर्ज हो चुके हैं। इस विवाद के बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी जिम्मेदारी जींद के एडीसी विवेक आर्य को सौंपी गई है।

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झूठे केस और जेल यात्रा के बावजूद सम्मान

रेखा धीमान का नाम जींद के महिला एवं बाल विकास विभाग ने मुख्यमंत्री से सम्मानित होने वाली महिलाओं की सूची में भेजा था। यह वही महिला है, जिसे 2020 में झूठे दुष्कर्म के आरोप लगाने के मामले में 33 दिन जेल में रहना पड़ा था। बावजूद इसके, विभाग ने उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि को दरकिनार कर उसे सम्मानित करवा दिया।

पूर्व में भी विवादों में रही है रेखा धीमान

रेखा धीमान पर 2009 में गांव के एक युवक पर झूठा दुष्कर्म आरोप लगाने का मामला दर्ज हुआ था, जिससे पीड़ित परिवार को गांव छोड़ना पड़ा। बाद में उसने 2012 में रोहतक और 2015 में हिसार में भी इसी तरह के झूठे आरोप लगाए, जो जांच में फर्जी साबित हुए।

महिला बाल विकास विभाग की भूमिका पर सवाल

यह पहला मौका नहीं है जब जींद के महिला एवं बाल विकास विभाग ने विवादित महिला को बढ़ावा दिया हो। 2022 में भी इस विभाग ने रेखा धीमान की तस्वीर डीसी कार्यालय में लगे एक बैनर में शामिल कर दी थी, जिसे बाद में हटा दिया गया था। अब एक बार फिर उसकी पृष्ठभूमि की अनदेखी कर उसे सम्मानित करवा दिया गया, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

सीएम के आदेश पर होगी जांच

सोशल मीडिया पर बवाल मचने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अशोक छाबड़ा ने कहा कि जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। वहीं, जींद के डीसी मोहम्मद इमरान रजा का कहना है कि उन्हें इस महिला के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी नहीं थी।

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