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Haryana News : नरवाना सिविल अस्पताल में बच्ची की जिंदगी से खिलवाड़, एल्बेंडाजोल की जगह दी दूसरी दवा, 2 दिन से बेहोश मासूम

मामला नरवाना के बद्दोवाल गांव की निधि नाम की बच्ची से जुड़ा हुआ है
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जसमेर मलिक/ हमारे प्रतिनिधि

जींद, 3 अप्रैल

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Haryana News : नरवाना के सिविल अस्पताल में 4 साल की एक बच्ची की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हुआ। बच्ची को डॉक्टर ने पेट में पलने वाले कीड़े मारने के लिए एल्बेंडाजोल की गोलियां प्रिसक्राइब की थी। लेकिन, दवा काउंटर पर बैठे कर्मचारी ने दौरे रोकने के लिए दी जाने वाली दवा दे दी। दवा की डोज भी बच्ची की जगह बड़े वाली दे दी। नतीजा यह हुआ कि बच्ची दवा लेते ही बेहोश हो गई। फिलहाल उसे जींद के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।

मामला नरवाना के बद्दोवाल गांव की निधि नाम की बच्ची से जुड़ा हुआ है। निधि के पिता संजय 2 अप्रैल को बेटी को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर ने बच्ची की जांच के बाद उसे एल्बेंडाजोल की गोलियां देना प्रिसक्राइब किया। एल्बेंडाजोल की गोली बच्चे को तब दी जाती है, जब उसमें खून कम होता है। इसकी वजह पेट में पलने वाले कीड़े होते हैं।

संजय जब बेटी के लिए दवा लेने की खातिर काउंटर पर गया, तो वहां बैठे कर्मचारी ने बड़ी लापरवाही करते हुए एल्बेंडाजोल की जगह कारबाजेपिन नामक दवा दे दी। यह दवा उस बच्चे को दी जाती है, जिसे दौरा पड़ता हो। दवा की डोज भी बच्चों वाली नहीं, बल्कि बड़े वाली हेवी डोज 400 एमजी दे दी गई। निधि दवा की खुराक को बर्दाश्त नहीं कर पाई और बेहोश हो गई। दो दिन से निधि को होश ही नहीं आया है। आज उसे जींद के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया।

इंटर्न के हवाले हैं दवा काउंटर

जींद समेत जिले के दूसरे सरकारी अस्पतालों में दवा काउंटर फार्मेसी कर रहे इंटर्न के हवाले ज्यादा रहते हैं। इस कारण कई बार डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा की जगह दूसरी दवा दे दी जाती है। कुछ समय पहले भी एक इंटर्न द्वारा इसी तरह डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन की जगह दूसरी दवा दे दी गई थी। तब संबंधित फार्मासिस्ट के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी।

नरवाना के एसएमओ डॉ बिंदलिश ने नहीं उठाया फोन

अस्पताल के एसएमओ डॉ बिंदलिश को कॉल की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ पालेराम कटारिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पता लगाया जाएगा और जो भी उचित कार्रवाई बनेगी वह की जाएगी।

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