Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Haryana News : आर्गेनिक फल, सब्जियों की तरफ बढ़ रहा लोगों का रुझान : डाॅ. शिवेंदु सोलंकी

गांव महराना में किसान विनोद के बाग का दौरा कर दी रखरखाव की जानकारी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पानीपत के गांव महराना में किसान विनोद के बाग में फल विशेषज्ञ डाॅ. सोलंकी अमरूद के फल को देखते हुए। -हप्र
Advertisement

बिजेंद्र सिंह/हप्र

पानीपत, 1 दिसंबर

Advertisement

पानीपत के गांव महराना के प्रगतिशील किसान विनोद ने अपने पांच एकड़ खेत में बाग लगाया हुआ है, जिसमें उसने निजीसीकी जापान वैरायटी की नाशपाती, पिंक ताइवान वैरायटी का अमरूद, कई वैरायटियों के अनार, लीची, आम, सेब, आंवला, अंजीर व मौसमी आदि लगाये हुए हैं।

विनोद ने इसी बाग में मोरिंगा के भी करीब 2400 पौधे लगाये हुए हैं। विनोद का दावा है कि वह सिर्फ ऑर्गेनिक विधि से ही फलों की खेती करता है।

उद्यान विभाग के सब ट्रोपिकल फ्रूट सेंटर लाडवा, कुरुक्षेत्र के फल विशेषज्ञ डा. शिवेंदु प्रताप सिंह सोलंकी ने रविवार को महराना में विनोद के बाग का दौरा किया। डाॅ. सोलंकी ने विनोद को बाग के पौधों के रखरखाव और सर्दी के मौसम में पौधों को ज्यादा ठंड से बचाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्गेनिक विधि से फलों की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा पा सकते हैं।

आजकल लोगों का आर्गेनिक फल व सब्जियां खाने की तरफ ज्यादा रुझान बढ रहा है।

पिंक ताइवान किस्म के अमरूद की दिल्ली तक महक

किसान विनोद द्वारा लगाये गये बाग में पिंक ताइवान वैरायटी का अमरूद अब पक कर तैयार है और विनोद ने अब उसे मार्केट में बेचना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस अमरूद के स्वाद व आर्गेनिक होने के चलते मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांड है। वे अपना ज्यादातर अमरूद अभी पानीपत व दिल्ली की मंडियों में ही बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह करीब तीन साल पहले उद्यान विभाग के लाडवा फल सेंटर से इस वैरायटी का अमरूद, नाशपाती, लीची व अनार के पौधे लेकर आया था।

बागवानी के लिये सरकार दे रही अनुदान : डीएचओ

डीएचओ डाॅ. शार्दूल शंकर ने बताया कि सरकार द्वारा बाग लगाने पर एक एकड़ के लिये पहले साल 23 हजार व धान को छोड़कर बाग लगाने पर 7 हजार प्रोत्साहन राशि मिलती है। दूसरे व तीसरे साल में बाग के रखरखाव के लिये 20 हजार रुपये देते हैं, जिसका बाग तीन साल पुराना हो जाये तो उसको 20 एचपी के ट्रैक्टर के लिये 50 फीसदी अनुदान मिलता है।

Advertisement
×