Haryana News : अब शिकायतें थाने में पेंडिंग नहीं रहेंगी, थानेदार को देना होगा जवाब!
Haryana News : हरियाणा पुलिस ने जनता के भरोसे को बहाल करने और थानों व चौकियों की कार्यप्रणाली बदलने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब शिकायतों को लंबित रखना मुमकिन नहीं, और यदि कोई थानेदार शिकायत का निपटारा नहीं करता है, तो उसे जवाबदेही तय करनी होगी और सख्त कार्रवाई भी हो सकती है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने बृहस्पतिवार को हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में साफ कर दिया कि हर शिकायत का त्वरित और निष्पक्ष समाधान अब सर्वोच्च प्राथमिकता है। डीजीपी ने कहा कि थाने और चौकियों में जनता की शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई ही पुलिस की छवि तय करेगी। अब कोई भी शिकायत अधूरी नहीं रहेगी। थानेदार को जवाबदेही तय करनी होगी और लंबित शिकायत पर सख्त कार्रवाई संभव है।
फीडबैक की होगी रिकॉर्डिंग
शिकायत निवारण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए फीडबैक तंत्र को पहले से ज्यादा मजबूत किया गया है। शिकायतकर्ता से फोन पर लिए जाने वाले फीडबैक की रिकॉर्डिंग की जाएगी, और वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर रैंडम जांच करके शिकायतों की गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे। यदि कोई शिकायतकर्ता असंतुष्ट है, तो अधिकारियों को उसके कारणों का पता लगाकर सुधार करना अनिवार्य होगा।
टॉप परफॉर्मिंग जिलों को शाबाशी
बैठक में आईजी (कानून एवं व्यवस्था) सिमरदीप सिंह ने फीडबैक सेल की रिपोर्ट पेश की। इसमें डबवाली, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और फतेहाबाद जिलों को टॉप परफॉर्मिंग के रूप में नामित किया गया। इन जिलों में थाना प्रभारियों ने अधिकांश शिकायतें स्वयं हल की, जिससे जनता में संतुष्टि दर बढ़ी। डीजीपी ने इन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बधाई दी और अन्य जिलों को सुधार के निर्देश दिए।
फीडबैक सेल के लिए ट्रेनिंग
डीजीपी ने फीडबैक सेल में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया। अब पुलिसकर्मी शिकायतकर्ता से बातचीत में अधिक संवेदनशील और सम्मानजनक होंगे। उन्होंने कहा कि इस कदम से जनता को भरोसा होगा कि उनकी शिकायत गंभीरता से ली जा रही है और शीघ्र समाधान मिलेगा।
अपराध नियंत्रण से बढ़कर जनता का भरोसा
डीजीपी कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस का लक्ष्य सिर्फ अपराध नियंत्रण नहीं, बल्कि जनता के मन में विश्वास कायम करना है। यह तभी संभव है जब थानों और चौकियों में शिकायतों का त्वरित, निष्पक्ष और पारदर्शी समाधान सुनिश्चित किया जाए।