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Haryana News: कुमारी सैलजा बोलीं- पश्चिम यमुना नहर के नवीनीकरण से मिल सकती है जल संकट से राहत

चंडीगढ़, 2 मई (ट्रिन्यू) पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में जल संकट को लेकर मौजूदा सरकार की उदासीनता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम यमुना नहर (डब्ल्यूवाईसी) के नवीनीकरण से जींद, हिसार,...

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कुमारी सैलजा।
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चंडीगढ़, 2 मई (ट्रिन्यू)

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में जल संकट को लेकर मौजूदा सरकार की उदासीनता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम यमुना नहर (डब्ल्यूवाईसी) के नवीनीकरण से जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों की प्यास बुझाई जा सकती है। सिरसा ब्रांच नहर आज भी मौजूद है और इसका नेटवर्क सक्रिय किया जाए तो सिंचाई व पेयजल की समस्या से निजात मिल सकती है।

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कुमारी सैलजा ने कहा कि एक समय था जब देश की नदियों को आपस में जोड़ने की योजना बनाई गई थी, लेकिन आज सरकार पानी जैसे मूलभूत मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही। उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा हरियाणा के हिस्से का भाखड़ा जल कम किए जाने को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि यह स्थिति और अधिक विकराल हो चुकी है।

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उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे अपने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब की 'तानाशाही' सरकार हरियाणा को उसका अधिकार नहीं दे रही। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब भी मुख्यमंत्री इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री या प्रधानमंत्री से मिलेंगे, कांग्रेस उनके साथ खड़ी रहेगी और हरियाणा के हक की आवाज बुलंद करेगी।

कुमारी सैलजा ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए बताया कि पश्चिम यमुना नहर से 1896 में सिरसा ब्रांच नहर निकाली गई थी, जो प्रदेश की सबसे बड़ी शाखा है। यह नहर कैथल, जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों से होकर गुजरती है। उन्होंने कहा कि यदि इसका पुनरुद्धार किया जाए तो यह क्षेत्र में जल संकट को काफी हद तक कम कर सकती है।

उन्होंने हरियाणा में बाढ़ और जलप्रबंधन की समस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि यमुना में अधिक जल प्रवाह के दौरान आने वाले पानी का सदुपयोग पश्चिम यमुना नहर के माध्यम से किया जा सकता है।

सैलजा ने भाखड़ा जल आपूर्ति में कटौती को लेकर प्रदेश सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में हरियाणा सरकार इतनी कमजोर कैसे हो गई कि पंजाब हमारे हिस्से का पानी हड़प ले और सरकार मूकदर्शक बनी रहे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसवाईएल नहर का निर्माण न कर पाना और अब भाखड़ा जल कटौती को सहना, भाजपा सरकार की अक्षमता दर्शाता है।

उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर इस गंभीर संकट का समाधान करवाने की मांग की और कहा कि जल संकट से जूझ रहे प्रदेश की जनता को जल्द राहत मिलनी चाहिए। कांग्रेस, सरकार द्वारा उठाए गए हर उचित कदम में सहयोग करेगी।

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