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Haryana News : एक बेहतर मंत्री के लिए विधायी प्रक्रिया, नियमों की जानकारी जरूरी : मनोहर

हरियाणा विधानसभा में दो दिवसीय ओरिएंटशन कार्यक्रम सम्पन्न साढ़े नौ वर्ष सीएम और अभी बतौर केंद्रीय मंत्री खट्टर ने साझा किए अनुभव
चंडीगढ़ में हरियाणा विस में प्रबोधन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का सम्मान करते स्पीकर हरविंद्र कल्याण।
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चंडीगढ़, 15 फरवरी (ट्रिन्यू)

हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के लिए लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के सहयोग से हरियाणा विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को विधायी कार्यों पर विभिन्न वक्ताओं ने विधायकों का ज्ञानवर्धन किया।

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केंद्रीय आवास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर, गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी, हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, लोकसभा के पूर्व सदस्य डॉ़ सत्यपाल सिंह और राज्यसभा सचिवालय से अतिरिक्त व संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारयों ने अपने विचार रखे। विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने प्रबोधन कार्यक्रम में आए वक्ताओं को स्मृति-चिह्न भेंट कर उनका स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधायी प्रक्रियों में मंत्रियों की भूमिका विषय पर बोलते हुए अपने साढ़े 9 वर्ष के बतौर मुख्यमंत्री और अब तक 250 दिनों के केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने अनुभव साझा किए। मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें हरियाणा प्रदेश की 13वीं व 14वीं विधानसभा में सदस्य के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि एक बेहतर मंत्री बनने के लिए एक सदस्य को विधायी प्रक्रिया, नियमों और कानूनों के साथ-साथ अपने विभागों के अलावा दूसरे विभागों के महत्वपूर्ण विषयों की भी पूर्ण जानकारी होनी चाहिए ताकि वें विधानसभा सत्रों के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों का पूरी जानकारी के साथ उतर दे सकें। कई बार परिस्थितयों के अनुसार विधानसभा के माध्यम से नए कानून बनाने की आवश्यकता होती है और कानून में संशोधन भी करना पड़ सकता है। एेसे में एक मंत्री को संबंधित कानून के ड्राफ्ट का गहनता से अध्ययन करना चाहिए ताकि उसके उदेश्यों से भलीभांति परिचित हो सकें। लोकसभा के पूर्व सदस्य डॉ़ सत्यपाल सिंह व राज्यसभा सचिवालय के सयुक्त सचिव डॉ़ राघब प्रसाद दास ने भारत में विधायी और वित्तीय कार्य विषय पर, लोकसभा सचिवालय के पूर्व संयुक्त सचिव रविंद्र गरीमेला ने संसदीय विशेषाधिकार और भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ़ सत्य प्रकाश ने नेवा पर उपस्थित सदस्यों का ज्ञानवर्धन किया।

गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी ने कहा कि विधानसभा संवाद करने का एक मंच है न कि वाद-विवाद करने का। विधानसभा सदस्य सदन की मर्यादा में रहते हुए अपनी बात रखें और साथ ही अन्य सदस्यों को भी धैर्य के साथ सुनें। विधायकों को तथ्यों के आधार पर अपना मजबूत पक्ष रखना चाहिए। चूंकि तथ्यों के आधार पर रखी हुई बात का अधिक प्रभाव होता है। तकनीक के बढ़ते उपयोग से विधायकों को अपने आपको तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने हरियाणा के खिलाड़ियों, किसानों की प्रशंसा की और भगवान श्रीकृष्ण के संदेश का भी जिक्र किया।

जनप्रतिनिधि अपनी ताकत को पहचानें : हरविंद्र कल्याण

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कार्यक्रम के अंतिम दिन कहा कि दो दिन में बहुत से संवाद हुए हैं। इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों का आचरण कैसा होना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना द्वारा दिए उदाहरण का उल्लेख करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों का आचरण मर्यादा के अनुसार होना चाहिए। कल्याण ने कहा कि जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद हमें बेहतर कानून बनाने का संकल्प लेना चाहिए। विधायी कामकाज ही हमारी ताकत है। इस सिलसिले में उन्होंने हाथी का उदाहरण देते हुए कहा कि इतने विशालकाय प्राणी को अपनी ताकत का अंदाजा नहीं होता। हम सभी को अपनी ताकत का अनुमान होना चाहिए। उन्होंने विधायकों से अध्ययन करने का भी आह्वान किया। पूरे प्रदेश का बजट पास करने से लेकर खर्चों पर निगरानी ऐसी बहुत सी शक्तियां हैं, जो संविधान ने जनप्रतिनिधियों को दी है। वहीं हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम का विशेषकर पहली बार चुनकर आए विधायकों को लाभ होगा। सदस्यों को समय निकालकर तकनीक के माध्यम से जानकारी जुटाने के साथ-साथ सदैव नए नियमों और कानूनों से परिचित रहना चाहिए।

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