Haryana News : कंवर साहेब महाराज बोले - सत्संग देखने नहीं, करने के लिए आओ
Haryana News : सत्संग देखने और सुनने मात्र ना आओ, सत्संग तो करने के लिए आओ। यह वचन राधा स्वामी दिनोद के परमसंत सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने रविवार को पानीपत के गोहाना रोड स्थित राधास्वामी आश्रम में सत्संग कार्यक्रम के दौरान फरमाए। हुजूर महाराज ने कहा कि संतमत में तीन चीजें सबसे उपयोगी हैं - सत्संग, सतगुरु और सतनाम।
सत्संग में हमेशा आंख, कान और हृदय खुले रखो। पहले गुरु के दर्शन करो, फिर वचन सुनो और उन्हें हृदय में उतारो। उन्होंने कहा कि आंख से बुरा मत देखो, कान से बुरा मत सुनो और मुख से बुरा मत बोलो। परमसंत ने स्पष्ट किया कि संतमत करनी का मत है। केवल बातों से भक्ति संभव नहीं है, करनी से ही आत्मिक लाभ मिलेगा। मन को उन्होंने सबसे बड़ा शैतान बताते हुए कहा कि यह लोभ और लालच के हथियारों से जीव को भटकाता है, लेकिन गुरु का प्रेमी आसानी से इससे बच जाता है।
प्रभु प्रेम और नाम रस पर जोर
गुरु महाराज ने कहा कि प्रभु से ऐसा प्रेम करो कि उसकी छवि आपके अंतर्मन में बस जाए। मालिक की मौज और रजा में रहो। जगत के पदार्थों का आनंद क्षणिक है, लेकिन नाम रस का आनंद जीवनभर साथ रहता है। उन्होंने चेताया कि नाम लेकर भी यदि नाम के चोर बनते हो तो डबल नुकसान होगा।
सेवा और संस्कार का महत्व
सत्संग में उन्होंने कहा कि कोठी, कार, बंगले यहीं रह जाएंगे, साथ जाएगा तो केवल भजन और सत्कर्म। रावण जैसा बलशाली भी आज नफरत का प्रतीक है जबकि साधु-संत आज भी पूज्य हैं। गुरु महाराज ने माता-पिता और बड़े बुजुर्गों की सेवा को सर्वोच्च बताया – ‘मूर्ति नहीं, बुजुर्गों की दुआएं और आशीर्वाद काम आएंगे।’ उन्होंने कहा कि तन पवित्र सेवा से, धन पवित्र दान से और मन पवित्र हरि भजन से होता है। बच्चों को संस्कार की विरासत सौंपो, उनकी जरूरत पूरी करो, इच्छाएं नहीं। स्वयं को सुधारो, जग स्वतः सुधर जाएगा।