Haryana News: हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को मिला एक वर्ष का सेवा विस्तार
चंडीगढ़, 20 जून (ट्रिन्यू)
Haryana News: हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को केंद्र सरकार ने एक वर्ष का सेवा विस्तार दे दिया है। यह विस्तार 1 जुलाई 2025 से 30 जून 2026 तक के लिए मान्य होगा। इस निर्णय से कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने हरियाणा सरकार को कल ही सूचित किया।
गौरतलब है कि अनुराग रस्तोगी की सेवानिवृत्ति 30 जून 2025 को निर्धारित थी। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल को बढ़ाने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी।
वरिष्ठ अधिकारियों की उम्मीदों को झटका
रस्तोगी को सेवा विस्तार मिलने से 1990 बैच के चार वरिष्ठ IAS अधिकारी सुधीर राजपाल, सुमिता मिश्रा, आनंद मोहन शरण और राजा शेखर वुंद्रू, तथा 1991 बैच के पांच अधिकारी विनीत गर्ग, अनिल मलिक, जी अनुपमा, ए.के. सिंह और अभिलक्ष लिखी की मुख्य सचिव बनने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। ये सभी अधिकारी रस्तोगी के सेवानिवृत्त होने के बाद पद के दावेदार माने जा रहे थे।
सीनियरिटी विवाद के चलते रस्तोगी को लाभ
हालांकि रस्तोगी हरियाणा ग्रेडेशन लिस्ट में क्रमांक 3 पर हैं और उनसे ऊपर राजपाल और मिश्रा हैं, लेकिन सीनियरिटी विवाद के कारण उन्हें मुख्य सचिव पद का लाभ मिला। दरअसल, 1990 बैच के कुछ अधिकारियों ने राजपाल और मिश्रा के खिलाफ यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि वे शुरुआत में हरियाणा कैडर में नहीं थे और बाद में इसमें शामिल हुए। इस याचिका पर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, फिर भी राजपाल और मिश्रा ग्रेडेशन लिस्ट में क्रमांक 1 और 2 पर बने हुए हैं।
सेवा विस्तार: अपवाद नहीं, अब बनता जा रहा है नियम
हाल के वर्षों में देश के विभिन्न राज्यों में सेवानिवृत्त होने वाले मुख्य सचिवों को सेवा विस्तार देना एक आम चलन बनता जा रहा है, विशेषकर उन अधिकारियों को जो सत्ता के करीबी माने जाते हैं।
उदाहरण के तौर पर, रस्तोगी के बैचमेट और हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को मार्च में छह महीने का विस्तार मिला था। इसी तरह ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा (1990 बैच) को एक वर्ष का सेवा विस्तार मिला, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डी.एस. मिश्रा को अभूतपूर्व रूप से तीन बार सेवा विस्तार मिला था, जो कुल मिलाकर 2.5 साल का था।
मुख्य सचिव पद: प्रशासनिक सेवा का शिखर
मुख्य सचिव का पद राज्य के प्रशासनिक तंत्र का सर्वोच्च पद होता है, और यह हर वरिष्ठ सिविल सेवक का अंतिम लक्ष्य होता है।