Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Haryana News : CM नायब सैनी ने दिया राज्य के कर्ज का हिसाब, हुड्डा के दावों को नकारा

CM नायब सैनी ने कहा- भविष्य में भी हम अपनी चादर से बाहर नहीं जाने वाले
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 27 मार्च।

Advertisement

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें कहा जा रहा है कि राज्य पर 5 लाख 82 हजार 106 करोड़ रुपये का कर्ज है। प्रदेश के हर व्यक्ति के सिर पर दो लाख रुपये के आसपास कर्ज बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में हमारी कुल देनदारियां (कर्ज) 3 लाख 52 हजार 819 करोड़ रुपये की हैं, जो कि राज्य जीडीपी का 26.18 प्रतिशत है। यह 15वें वित्त आयोग द्वारा कर्ज लेने की निर्धारित सीमा 32.5 प्रतिशत के भीतर है।

हमें अपनी चादर की लंबाई पता है और हमारे पैर अपनी चादर के भीतर ही हैं। भविष्य में भी हम अपनी चादर से बाहर नहीं जाने वाले हैं और निर्धारित बजट से ही सभी वादे पूरे करेंगे। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष का कोई विधायक प्रदेश के हर व्यक्ति पर दो लाख रुपये तो कई विधायक तीन लाख रुपये का कर्ज होने का दावा करता है।

कहा जाता है कि जो बच्चा जन्म लेगा, उसके सिर पर दो लाख रुपये का कर्ज होगा। मेरा विपक्ष के विधायकों से अनुरोध है कि वे पूरे राज्य में घूमकर पांच से सात ऐसे व्यक्तियों को लाएं, जिन्हें किसी बैंक अथवा लेनदार ने फोन कर यह कहा हो कि हरियाणा सरकार हमारा कर्ज नहीं दे रही है, इसलिए आप कर्ज का भुगतान करो। लोगों के सामने भ्रामक बयान देकर उन्हें चिंतित करना उचित नहीं है। विकास कार्यों के लिए कर्ज लेने की जरूरत पड़ती है। अगर कर्ज सरकार ने लिया है तो उसका भुगतान भी सरकार ही करेगी।

विपक्ष की चिंता के अनुरूप प्रदेश के किसी नागरिक से उसकी भरपाई नहीं होगी। जो भी ऐसी चिंता कर चौधरी बन रहे हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि जब वे राज्य पर कर्ज छोड़कर गए थे, तब हमने ही उनका कर्ज भी चुकाया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि निजी, औद्योगिक और कृषि ऋण राज्य सरकार के कर्ज में नहीं जोड़े जाते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सीएम ने बिजली निगमों के 46 हजार करोड़ रुपये बकाया होने का आरोप लगाया था, लेकिन सच्चाई यह है कि दक्षिण और उत्तर हरियाणा के इन बिजली निगमों की देनदारी सिर्फ 383 करोड़ रुपये है। हुड्डा ने जब सत्ता छोड़ी थी, तब बिजली वितरण निगमों पर 34 हजार 600 करोड़ रुपये का कर्ज था। उन्होंने चुटकी ली कि विपक्ष को सपने में पीपीपी नजर आता है। यह लोग पीपी से बड़े परेशान हैं। प्रदेश की जनता परेशान नहीं है। बजट को भी पेज, पैराग्राफ और प्रतिशतता से जोड़कर देख रहे हैं।

इन्हें इस बात पर ही आपत्ति है कि बजट अधिक पेज, अधिक पैराग्राफ और अधिक प्रतिशतता के साथ बढ़ा क्यों है। उन्होंने कहा कि सरकार राजस्व घाटे को कम करने के लिए तीन गुणा गति से काम करेगी। साल 2025-26 के अंत में राजस्व घाटे का आंकड़ा एक प्रतिशत से भी कम रहेगा। हमने सरकारी उपक्रमों द्वारा ऋण लेने की प्रवृत्ति पर जबरदस्त नकेल कसी है। सरकारी उपक्रमों का यह कर्ज 2014-15 में स्टेट जीडीपी का 16 प्रतिशत था, जोकि 2023-24 में 5.6 प्रतिशत रह गया है।

Advertisement
×