Haryana News: मुख्य सचिव ने की यमुना कैचमेंट एरिया की परियोजनाओं की समीक्षा
चंडीगढ़, 28 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आज यहां यमुना कैचमेंट एरिया में इस समय चल रही और नजदीक भविष्य में शुरू होने वाली परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कड़ी निगरानी की आवश्यकता पर बल देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि समय पर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए, वे सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) परियोजनाओं की स्थिति की हर दो सप्ताह में समीक्षा करें।
प्रदूषण नियंत्रण उपायों को मजबूती देने के लिए, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के चेयरमैन की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उद्योग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण जैसे प्रमुख विभागों के प्रतिनिधि इस टास्क फोर्स के सदस्य होंगे जबकि एचएसपीसीबी के सदस्य सचिव टास्क फोर्स के सदस्य सचिव होंगे।
बैठक में बताया गया कि यमुना कैचमेंट एरिया में प्रदेश में सीवेज उपचार का सुव्यवस्थित ढांचा है। वर्तमान में, 1518 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) की संयुक्त क्षमता वाले 90 एसटीपी चालू हैं। इसके अतिरिक्त, 184.5 एमएलडी की क्षमता वाले 17 सीईटीपी प्रभावी रूप से औद्योगिक अपशिष्ट का प्रबंधन करके पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
प्रदेश में सीवेज उपचार क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए कई पहल की जा रही हैं। इस समय 29 एमएलडी की संयुक्त क्षमता वाले तीन नए एसटीपी निर्माणाधीन हैं, जिनके 31 मार्च, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, 213 एमएलडी की क्षमता वाले सात मौजूदा एसटीपी का उन्नयन किया जा रहा है। साथ ही, विभिन्न विभागों के तहत 587 एमएलडी की कुल क्षमता वाले 10 नए एसटीपी प्रस्तावित हैं। मुख्य परियोजनाओं में गुरुग्राम के धनवापुर, बहरामपुर और सेक्टर-107 में 100 एमएलडी एसटीपी (जीएमडीए के तहत); फरीदाबाद के बादशाहपुर में 45 एमएलडी और मिर्जापुर में 20 एमएलडी प्लांट (एफएमडीए के तहत); और रादौर रोड यमुनानगर (77 एमएलडी), रोहतक (60 एमएलडी) और सोनीपत (30 एमएलडी) में अतिरिक्त सुविधाएं शामिल हैं।
बैठक में औद्योगिक अपशिष्ट उपचार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। कुताना और बड़ी में 19 एमएलडी की संयुक्त क्षमता वाले दो सीईटीपी को तत्काल उन्नयन के लिए प्राथमिकता पर रखा गया है। इसके अतिरिक्त, बढ़ते औद्योगिक डिस्चार्ज से निपटने के लिए एचएसआईआईडीसी और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा 146 एमएलडी की कुल क्षमता वाले आठ नए सीईटीपी प्रस्तावित हैं। फरीदाबाद के प्रतापगढ़ में 50 एमएलडी सीईटीपी की स्थापना के लिए 824 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। मिर्जापुर, बादशाहपुर और गुरुग्राम के विभिन्न सेक्टरों में भी सीईटीपी स्थापित करने की योजना है।
बैठक में बताया गया कि उद्योगों में अनुपालन सुनिश्चित करने और उल्लंघनों का समाधान करने के उद्देश्य से एचएसपीसीबी, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिंचाई विभाग और एचएसआईआईडीसी के सदस्यों की एक संयुक्त टीम अगले 10 दिनों के भीतर निरीक्षण करेगी।
बैठक में पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, नगर एवं ग्राम आयोजना और शहरी संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे