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Haryana News : पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत व उनके बेटे गुरप्रीत पर आरोप तय, एक बेटा हरप्रीत सिंह पहले ही भगोड़ा घोषित

60 लाख रुपये में प्लॉट खरीदकर उसी दिन षडयंत्र के तहत उसे मात्र 25 लाख रुपये में बेचने का है आरोप

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Haryana News : पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, उनके बेटों हरप्रीत सिंह और गुरप्रीत सिंह के खिलाफ 60 लाख रुपये में प्लॉट खरीदकर उसी दिन षडयंत्र के तहत उसे मात्र 25 लाख रुपये में बेचने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत ने साधु सिंह धर्मसोत और गुरप्रीत सिंह के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं जबकि हरप्रीत सिंह को अदालत पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है।

विजिलेंस ने मोहाली पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1), 13(2) के तहत मामला संख्या-6 पहले ही दर्ज कर लिया था। इस मामले की जांच के दौरान पता चला कि सेक्टर-88 मोहाली का एक प्लॉट राज कुमार नागपाल निवासी सेक्टर-8, पंचकूला द्वारा एलओआई के माध्यम से खरीदा गया था।

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मोहाली निवासी गुरमिंदर सिंह गिल ने 27 नवंबर 2018 को स्टांप के माध्यम से 60 लाख रुपये में प्लॉट खरीदा था, जबकि उसी दिन राज कुमार ने उसी स्टांप सीरीज का एक और स्टांप खरीदकर उसी प्लॉट को साजिश के तहत हरप्रीत सिंह पुत्र साधु सिंह धर्मसोत को लगभग 35 लाख रुपये कम कीमत पर मात्र 25 लाख रुपये में बेच दिया।

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इस प्लॉट की खरीद-फरोख्त के समय राजेश कुमार चोपड़ा निवासी सेक्टर-82, मोहाली ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किए थे। विजिलेंस जांच के दौरान यह भी पता चला कि 60 लाख रुपये की इस राशि में से 22 लाख 50 हजार रुपये अनमोल अंपायर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक राजेश कुमार चोपड़ा, 25 लाख रुपये हरप्रीत सिंह पुत्र साधु सिंह धर्मसोत और 12 लाख 10 हजार रुपये अन्य लोगों द्वारा राज कुमार के खाते में पहले ही जमा करवा दिए गए थे।

राज कुमार सरपंच, प्रॉपर्टी डीलर जुझार नगर मोहाली ने हरप्रीत सिंह तक यह एलओआई पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है और प्लॉट हरप्रीत सिंह के नाम पर ट्रांसफर करवाया। इसलिए वर्तमान मामले में धारा-420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-12 जोड़ी गई है। विजिलेंस के इस मामले में ईडी ने अलग से केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और केस दर्ज कर लिया है।

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