Haryana News : पीएम आवास योजना की सूची से नाम काटने का मामला, ग्रामीणों का धरना 8वें दिन भी जारी; मलडी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
बड़ागुढ़ा, 17 फरवरी
बीडीपीओ कार्यालय में चल रहा गांव अलीकां के ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना सोमवार को 8वें दिन भी जारी रहा। इतने दिन बीतने के बाद कोई सुनवाई न होने पर खंड कार्यालय में ग्रामीणों ने बीडीपीओ, पंचायत अधिकारी व ग्राम पंचायत के खिलाफ नारेबाजी कर खूब भड़ास निकाली। ग्रामीणों ने कहा कि जायज मांगों को लेकर पिछले 8 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस दौरान अभी तक हमारे पास किसी भी उच्च अधिकारी ने आकर मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं की। धरना प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी पूरी भागीदारी है। ग्रामीण गुरप्रीत सिंह, पृथ्वी राम, सुनील कुमार, रोहतास, राज कुमार, मिठू राम, सुखदेव, प्रेम कुमार, बलवीर सिंह, सरदूल सिंह, लक्ष्मी देवी, सीना देवी व कृष्णा देवी , मंगतू राम, सतवीर सिंह, कृष्ण, धरम राज, राज कुमार ने बताया कि हमें अपने कामकाज छोड़ कर बड़ागुढ़ा बीडीपीओ बैठे 8 दिन हो गए हैं।
अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में बीडीपीओ उनके बीच आकर उनकी मांगों को लेकर हमारी सुनवाई नहीं कर रहे। एक बार उनमें से कुछ लोगों को कार्यालय में बुलाकर खानापूर्ति जरूर की लेकिन हमारी समस्या का समाधान नहीं कर पाए। इससे साबित होता है कि अधिकारियों को लोगों से कोई लेनादेना नहीं है। ग्रामीणों ने पंचायत मंत्री से मांग करते हुए कहा कि बीडीपीओ व अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिन्होंने किसके कहने पर अपात्र लोगों की सूची बनाई।
अधिकारियों ने एक बार भी उनकी बात नहीं सुनी। वहीं सोमवार को धरना दे रहे लोगों का समर्थन करने कांग्रेस नेता निर्मल सिंह मलडी भी पहुंचे और जिला प्रशासन से धरना दे रहे लोगों की सुनवाई करने व समस्या का जल्द हल करने की मांग की। जब तक उनकी मांगों को लेकर धरना जारी रहेगा तब तक उनके साथ खड़े हैं। अगर इसका कोई जल्द हल न निकाला गया तो खंड कार्यालय को ताला जड़कर घेराव किया जाएगा।
नेता निर्मल सिंह मलडी ने कहा कि धरने पर बैठे सभी मजदूर गरीब वर्ग से पात्र लोग हैं, जिन अधिकारियों की गलती से उनके मकान लिस्ट से काटे गए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने किसान नेताओं से भी अपील करते हुए कहा कि गरीबों के इस धरने को और मजबूत करने के लिए उनका सहयोग करें, ताकि किसान मजदूर एकता के नारे को और मजबूती मिल सके।
पीएम आवास योजना की सूची से नाम काटने का है मामला
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2017-18 में उनके गांव में करीब 100 लोगों के मकानों की सूची आई थी। अधिकारियों ने उक्त लोगों के घरों का सर्वे किया था। लोगों का कहना है कि बाद में अधिकारियों ने 100 में से 58 लोगों के नाम काटकर 42 लोगों की सूची आगे भेज दी। ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने आरटीआई के माध्यम से जवाब मांगा तो उसमें इन लोगों के मकान पक्के दिखाए गए। जबकि अन्य जानकारी अधूरी दी गई। जिसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत सीएम विंडो पर भी दी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने कहा कि उनके मकान खस्ता हालत में है फिर भी सूची से उनके नाम काट दिए गए।