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Haryana News : निकाय मंत्री विपुल गोयल के कड़े तेवर, कामकाज में देरी करने वाली एजेंसी तुरंत होंगी ब्लैकलिस्ट; विकास कार्यों पर ली रिपोर्ट

अधिकारियों की काबलियत के आधार पर रेटिंग करने के भी निर्देश
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 21 मई।

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हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि निकाय से संबंधित विकास कार्य में किसी प्रकार की लेट लतीफी नहीं होनी चाहिए। अगर कोई एजेंसी तय समय में विकास से सम्बंधित प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी कर रही है तो ऐसी एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया जाए। वे बुधवार को विभिन्न पहलुओं को लेकर निकाय विभाग के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे।

बैठक के दौरान विभाग से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने रिव्यू किया है। विकास कार्यों से संबंधित टेंडर लेने वाले ठेकेदार अथवा एजेंसी की मॉनिटरिंग की जाए। खासकर उन पर नजर रखी जाए, जो 10 प्रतिशत माइंस में टेंडर लेकर कार्य कर रहे हैं। उनके कामकाज की क्वालिटी की समय समय पर जांच हो। कुछ एजेंसी काम का टेंडर लेकर उसे तय समय में पूरा करने की बजाय, आगे आगे समय बढ़ाते रहते हैं, जो ठीक नहीं है।

जनता को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, यह सुनिश्चित किया जाए और तय समय पर प्रोजेक्ट पूरा ना करने वाली फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की करवाई सम्बंधित अधिकारी करे। इसके साथ ही उन्होंने टेंडर एस्टिमेट पर नज़र रखने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार से लापरवाही ना हो। बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री श्री विपुल गोयल ने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर ठोस कदम उठाने के निर्देश भी विभाग के अधिकारियों को दिए।

सफाई और स्वच्छता रैंकिंग पर चर्चा

विपुल गोयल ने बैठक में सफाई व्यवस्था को लेकर भी कई पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरियाणा में सफाई के लिए लगाई गई मशीनों की कैपेसिटी बढ़ाने की दिशा में काम किया जाए। जिन एरिया में मशीन पुरानी है उनकी जगह अपग्रेड नई तकनीक आधारित मशीने खरीदी जाए। उन्होंने स्वच्छता रैंकिंग को लेकर भी बातचीत की तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस दिशा में भी ठोस तरीके से काम किया जाए ताकि प्रदेश साफ सुथरा बने और इसकी रैंकिंग में भी सुधार हो।

काबलियत के आधार पर हो रेटिंग

निकाय विभाग से संबंधित तमाम क्षेत्र के अधिकारियों की रेटिंग को भी संकलित करने के निर्देश दिए। रेटिंग में यह सुनिश्चित किया जाए की कर्मचारी के कामकाज करने का तरीका क्या है, उसकी क्वालिफिकेशन क्या है। कहां से कर्मचारी ने डिग्री हासिल की। उनका कहना था कि ऐसा करने से एक कर्मचारी की काबिलियत का विभाग को भी पता रहेगा ताकि उसकी कार्यशैली और योग्यता के अनुरूप किस सेक्शन में काम लेना है, यह आसानी से पता लग सकेगा। इससे कामकाज की क्वालिटी में तो सुधार हो पाएगा।

साथ ही, कर्मचारी को भी तवज्जो मिलेगी। बैठक के दौरान शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, विभाग के महानिदेशक पंकज सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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