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Haryana News : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय की चिकित्सा से ऐलिस ने रचा इतिहास, 8 फुट 7 इंच लंबे बालों के साथ बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

कुलपति प्रो. धीमान ने ऐलिस को दी 'विश्व रिकॉर्ड' बनाने के लिए बधाई
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विनोद जिन्दल/कुरुक्षेत्र, 23 जून (हप्र)

Haryana News : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा न केवल जीवनशैली विकारों का समाधान है,बल्कि यह सपनों को साकार करने की प्रेरणा शक्ति भी बन सकती है। कैथल जिले के गांव डीग की 30 वर्षीय ऐलिस (आशा देवी) इसकी मिसाल बनी हैं, जिन्होंने 8 फुट 7 इंच लंबे बालों के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाकर भारत का नाम रोशन किया। उनकी इस उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2025 (आईबीआर) और एलाइट बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2025 (ईबीआर) दोनों में दर्ज किया है, लेकिन इस कामयाबी की असली कहानी श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय से जुड़ी है,जिसने ऐलिस के सपनों को साकार किया।

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रूसी और झड़ते बालों से टूटा सपना,आयुष ने दी नई राह

ऐलिस ने विश्व की सबसे लंबे बालों वाली महिला बनने का सपना संजोया था,लेकिन भारी रूसी और बालों के झड़ने ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया था। ऐलिस के बाल 7 फुट 9 इंच जरूर थे,लेकिन रूसी के कारण लगातार बाल टूट रहे थे। ऐसे में उन्होंने श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान (अस्पताल) के क्रिया शरीर विभाग की प्रोफेसर वैद्य शुभा कौशल से संपर्क किया। प्रो.कौशल ने लगभग डेढ़ साल तक ऐलिस का आयुर्वेदिक उपचार किया, जिसमें देसी औषधियों, जड़ी-बूटियों और जीवनशैली परिवर्तन का समावेश था।

इस उपचार के फलस्वरूप ऐलिस के बाल न केवल झड़ना बंद हुए,बल्कि उनकी लंबाई बढ़कर 8 फुट 7 इंच हो गई। विश्व रिकॉर्ड बनने के बाद ऐलिस जब श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय पहुंचीं तो कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने मिठाई खिलाकर उन्हें और वैद्य शुभा कौशल को शुभकामनाएं दीं। कुलपति ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है। ऐलिस का रिकॉर्ड सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं,बल्कि आयुष चिकित्सा की सफलता का उदाहरण है। हमारी बेटियां खेलों से लेकर सौंदर्य और सेवा तक हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रही हैं।

ऐलिस ने यह दिखा दिया कि अगर बालों से जुड़ी कोई समस्या हो तो आयुर्वेदिक चिकित्सा सबसे प्रभावी समाधान हो सकती है। वहीं, प्रो.वैद्य शुभा कौशल ने कहा ऐलिस जब उनके पास आईं, तो सिर में गहरी रूसी,पपड़ी और बाल झड़ने की समस्या थी। आयुर्वेद के सिद्धांतों पर आधारित औषधियों, तेलों और खानपान परिवर्तन से उनकी समस्या जड़ से ठीक हुई।

ऐलिस ने विश्व रिकॉर्ड बनने के बाद अपने बाल सिरसा स्थित एक कैंसर पीड़ित को दान कर दिए। उन्होंने कहा कि बालों को बढ़ाना मेरा सपना था,लेकिन अब यही सेवा का माध्यम बन गया है। आयुष चिकित्सा ने मुझे वह आत्मविश्वास और सौंदर्य दिया, जिसे मैं अब दूसरों के साथ बांटना चाहती हूं। ऐलिस बताती हैं कि उनके परिवार मां संतरो,बहनें मनीषा और तमन्ना नैन के भी बाल लंबे हैं। उनके पिता रोहताश नैन किसान हैं। पूरे परिवार ने उनके लक्ष्य में सहयोग दिया।

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