Anil Vij के जवाब देने के बाद एक्शन शुरू, रोहतक में बिजली निगम के 7 कर्मचारियों को नोटिस
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 14 फरवरी।
हरियाणा के परिवहन, बिजली व श्रम मंत्री अनिल विज की सिफारिशों पर एक्शन शुरू हो गया है। पार्टी द्वारा दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब विज दे चुके हैं। अब उन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है, जिनके बारे में विज ने लिखा था। वीरवार गुरुग्राम में बिजली निगम के चीफ इंजीनियर को सस्पेंड किया गया था।
लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों मांगा था स्पष्टीकरण
शुक्रवार को बिजली विभाग ने रोहतक के सात कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। विज ने दो फरवरी को रोहतक बिजली सेवा केंद्र का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों से उन्हें स्पष्टीकरण मांगा था। इन कर्मचारियों को 3 दिनों के भीतर शिकायतों के निदान में होने वाली देरी को लेकर जवाब देना होगा। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री ने रोहतक स्थित राजीव गांधी विद्युत भवन स्थित बीएसके शिकायत केंद्र का दौरा कर उपभोक्ताओं की शिकायतों की समीक्षा की थी। निरीक्षण में सामने आया कि कई शिकायतों का समाधान निर्धारित चार घंटे की समय-सीमा में नहीं किया गया था। ऊर्जा मंत्री ने संबंधित अधीक्षक अभियंता को निर्देश देते हुए कहा था कि जो शिकायतें चार घंटे से ज्यादा समय तक लंबित रही हैं, उनकी जांच कर संबंधित स्टाफ से स्पष्टीकरण लिया जाए। निरीक्षण के बाद विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में उपभोक्ताओं की शिकायतों का समय पर समाधान सुनिश्चित करें और लापरवाही बरतने वालों कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
ऊर्जा मंत्री के निर्देशानुसार, अधीक्षक अभियंता (एसई) ने लापरवाही बरतने पर रोहतक के एक्सईएन डिविजन नंबर-1 के एएलएम एएलएम अंकित, नरेश, संजय, कृष्ण तथा रोहतक में ही डिविजन नंबर-2 के एएलएम सुरेश, जेई विकास कौशिक और एलएम रामबीर से स्पष्टीकरण मांगा है। उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम, रोहतक के अधीक्षक अभियंता ने इन सभी कर्मचारियों को तीन दिनों के भीतर शिकायतों के निदान में होने वाली देरी के कारणों का स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
चीफ इंजीनियर हो चुके सस्पेंड
इससे पहले विज की सिफारिश पर ही विभाग ने गुरुग्राम में मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) अनिल कुमार को सस्पेंड किया था। अहम पहलू यह है कि अनिल कुमार इसी दिन प्रमोट हुए थे और साथ ही निलंबन आदेश जारी हो गए। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय पंचकूला रहेगा। 9 फरवरी को गुरुग्राम के सब-स्टेशन में आग की घटना के चलते 22 से अधिक सोसायटियों व अन्य इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी। चीफ इंजीनियर पर इसलिए गाज गिरी क्योंकि उन्होंने सूचना मुख्यालय में नहीं दी थी।
केंद्र से 6797 करोड़ की ग्रांट
ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बताया कि केंद्र सरकार ने रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत हरियाणा को बिजली की विभिन्न परियोजनाओं के लिए 6 हजार 797 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इसमें से गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले के लिए सिस्टम आधुनिकीकरण और स्मार्ट वितरण के लिए 3 हजार 638 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों को मंजूरी मिली है।
उल्लेखनीय है कि रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम अर्थात पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) भारत सरकार की एक पहल है। इसका उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र की वित्तीय क्षमता और परिचालन दक्षता को बढ़ाना है। विज ने बताया कि इसमें स्मार्ट मीटरिंग कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित करना और प्रीपेड स्मार्ट मीटर की स्थापना शुरू करना इत्यादि कार्य शामिल है। उन्होंने बताया कि वितरण उपयोगिताओं की वित्तीय व्यवहार्यता पूरे बिजली क्षेत्र मूल्य शृंखला के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।