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Haryana News : पटवारियों व ‘दलालों’ के बाद अब तहसीलदार रॉडार पर

भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक  प्रदेश सरकार ने 50 से ज्यादा रेवेन्यू अफसरों की सूची तैयार की

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
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चंडीगढ़, 29 जनवरी (ट्रिन्यू)
प्रदेश की नायब सरकार पटवारखानों और तहसीलों में फैले कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को जारी रखे हुए हैं। पटवारियों व तहसीलों में फैले ‘दलालों’ के बाद अब 50 के करीब नायब तहसीलदारों और तहसीलदारों की लिस्ट बनाई है। इन रेवेन्यू अधिकारियों को कथित तौर पर ‘भ्रष्ट’ अधिकारियों की सूची में रखा है। खुफियों एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर यह लिस्ट बनी है। साथ ही, सभी जिला उपायुक्तों को इसकी जांच करने को भी कहा गया है।
सूत्रों का कहना है कि जिन रेवेन्यू अधिकारियों के नाम सरकार की लिस्ट में हैं, उनमें से अधिकांश वे अधिकारी हैं, जिन पर कोविड-19 में हुई रजिस्ट्री के अलावा अर्बन एरिया डेवलेपमेंट एक्ट के नियम-7ए के उल्लंघन में हुई जमीनों की रजिस्ट्री वाले मामले में भी शामिल हैं। पूर्व की मनोहर सरकार ने उस समय प्रदेशभर में नियमों को ताक पर रखकर की गई जमीनों की रजिस्ट्री के मामले की जांच भी करवाई थी। इसके लिए बाकायदा एसईटी का गठन किया था।
एसईटी की रिपोर्ट भी सरकार के पास आ चुकी है। उस समय बड़ी संख्या में डीआरओ, तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को नोटिस भी दिए गए थे। आरोप हैं कि पैसों की सैटिंग करके नियमों का उल्लंघन करते हुए जमीनों की रजिस्ट्री की गई। सरकार द्वारा जिन अधिकारियों की लिस्ट तैयार की है, उनमें से कइयों के पास प्रदेश में कई जगहों पर प्रॉपर्टी होने का भी शक है। अब विस्तृत जांच के बाद ही सरकार आगे बढ़ेगी। इससे पहले सरकार की ओर से 370 ‘भ्रष्ट’ पटवारियों की लिस्ट बनाई जा चुकी है। यह लिस्ट एफसीआर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा सभी जिला उपायुक्तों को भेजी गई थी। उपायुक्तों को इस मामले में विस्तृत जांच करके कार्रवाई करने के लिए पंद्रह दिन का समय दिया था। यह समय भी पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक अधिकांश जिला उपायुक्तों की ओर से स्टेटस रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। इसके बाद सरकार की ओर से तहसीलों में एक्टिव 400 से अधिक ‘दलालों’ की लिस्ट बनाई गई।
अब रेवेन्यू अधिकारियों की लिस्ट बनने के बाद से प्रदेश की सभी तहसीलों व उप-तहसीलों में हड़कंप मचा हुआ है। खुफियां एजेंसियों ने ग्राउंड पर पूरी वर्किंग करने तथा आम लोगों से बातचीत करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की गई। बताते हैं कि कई मामलों में सीआईडी की टीम प्रत्यक्षदर्शी भी रही है। हालांकि पटवारियों को ‘दलालों’ की लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार ने तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों की लिस्ट को काफी गोपनीय रखा है।
सूत्रों का कहना है कि सीआईडी की ओर से राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि तहसीलों में सबसे अधिक ‘भ्रष्टाचार’ है। सरकार के पास भाजपा नेताओं व वर्करों के अलावा आम लोगों की तरफ से भी इस संदर्भ में शिकायतें की जाती रही हैं। इसी के चलते नायब सरकार ने यह सर्जिकल स्ट्राइक शुरू की। जमीनों से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए ही सरकार लगातार सूचियां तैयार कर रही है। आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन की भी प्लानिंग है।

स्थानीय निकाय भी निशाने पर 

तहसीलों व पटवारखानों का कनेक्शन शहरी स्थानीय निकायों – नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं से भी है। सूत्रों का कहना है कि अब सरकार का अगला टारगेट निकाय हो सकते हैं। दरअसल, शहरों में जमीन की रजिस्ट्री के लिए प्रॉपर्टी आईडी होना अनिवार्य है। प्रॉपर्टी आईडी बनाने का काम निकायों द्वारा किया जाता है। प्रॉपर्टी आईडी बनाने में भी बड़ी ‘सैटिंग’ चलती है। इस पूरे नेक्सस को तोड़ने की कोशिश में जुटी नायब सरकार अब निकायों में ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों की भी लिस्ट बना सकती है, जिन पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का शक है।
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