Haryana News : 33 फीट से खुलेगा उद्योग का रास्ता, सीएलयू नियमों में किया गया बड़ा बदलाव
अब विकास की राह पर जनता की हिस्सेदारी भी जरूरी, सड़क चौड़ीकरण के लिए आवेदक को देना होगा भूमि योगदान
Haryana News : हरियाणा में अब उद्योग लगाने की राह और आसान हो गई है। राज्य सरकार ने भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) संबंधी नियमों में बड़ा संशोधन करते हुए औद्योगिक ज़ोन में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने की अनुमति के लिए 33 फीट चौड़े रास्ते से जुड़ी साइटों को भी पात्र घोषित कर दिया है।
पहले सीएलयू की अनुमति केवल 18 या 24 मीटर चौड़ी सड़क से जुड़े भूखंडों को दी जाती थी, जिससे कई छोटे उद्यमियों को दिक्कत आती थी। अब नई नीति के तहत 33 फीट के रास्ते से भी औद्योगिक इकाई के लिए अनुमति मिल सकेगी। बशर्ते भूमि मालिक सड़क चौड़ीकरण में सहयोग दे।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह संशोधन राज्य में तेजी से औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह की ओर से संशोधित पॉलिसी जारी की है। इस नीति संशोधन में कहा गया है कि पुरानी नीति (2015 और 2017 की) में कुछ शर्तें व्यावहारिक रूप से बाधक थीं, जिनके कारण कई योग्य परियोजनाओं को मंजूरी नहीं मिल पा रही थी।
अब यह नया बदलाव औद्योगिक पहुंच को सरल और सहभागी बनाएगा। नई नीति के तहत औद्योगिक जोन में साइट में कम से कम 33 फीट चौड़े राजस्व, पंचायत या स्वयं निर्मित रास्ता होने पर भी सीएलयू मिलेगा। प्रस्तावित या मौजूदा 18/24 मीटर चौड़ी आंतरिक सड़क या 12 मीटर चौड़ी सर्विस रोड से जुड़ी साइटें स्वतः पात्र मानी जाएंगी। आवेदक को अपनी साइट के सामने की भूमि को सेक्टर प्लान के अनुसार चौड़ा करना होगा और वह भूमि हिबानामा (दान पत्र) के जरिए ग्राम पंचायत या स्थानीय निकाय को देनी होगी।
सड़क चौड़ीकरण में निजी भागीदारी
सरकार ने इस नीति में जनसहभागिता आधारित मॉडल अपनाया है। यदि किसी साइट की पहुंच केवल 33 फीट चौड़ी सड़क से है, तो आवेदक को उस सड़क को 18 मीटर तक चौड़ा करने के लिए अपनी भूमि का हिस्सा दान करना होगा। उदाहरण के लिए 33 फीट चौड़ी सड़क से जुड़ी भूमि के मालिक को 13.5 फीट भूमि देनी होगी ताकि सड़क 18 मीटर तक चौड़ी हो सके। 44 फीट सड़क के मामले में 8 फीट भूमि दान करनी होगी। यदि सड़क के दोनों ओर ज़मीन मालिक हैं, तो दोनों को समान रूप से भूमि दान करनी होगी, ताकि सड़क का दोनों ओर से संतुलित चौड़ीकरण किया जा सके।
जहां चौड़ाई संभव नहीं, वहां वैकल्पिक व्यवस्था
विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी जगह सड़क को 18 मीटर तक चौड़ा करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है तो ऐसे मामलों में आवेदक को खुद ही 16 या 27 फीट तक भूमि दान करनी होगी ताकि न्यूनतम चौड़ाई सुनिश्चित की जा सके। सरकार का कहना है कि ये नये नियम भविष्य में सभी सीएलयू और भूमि रूपांतरण मामलों में अनिवार्य रूप से लागू रहेंगे।
राज्य के सभी जिलों को भेजा गया आदेश
यह संशोधन हरियाणा के सभी जिलों में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश की प्रतियां हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी), उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगर स्थानीय निकाय विभाग, सभी उपायुक्तों और जिला टाउन प्लानरों को भेजी गई हैं।