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Haryana News: श्रम विभाग की 10 सेवाएं राइट टू सर्विस के दायरे में, समयसीमा में मिलेंगी सर्विस

चंडीगढ़, 5 जुलाई (ट्रिन्यू) Right to Service: हरियाणा सरकार ने श्रमिकों की सुविधाओं को और पारदर्शी तथा समयबद्ध बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए श्रम विभाग की 10 प्रमुख सेवाओं को ‘हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014’ के...
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चंडीगढ़, 5 जुलाई (ट्रिन्यू)

Right to Service: हरियाणा सरकार ने श्रमिकों की सुविधाओं को और पारदर्शी तथा समयबद्ध बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए श्रम विभाग की 10 प्रमुख सेवाओं को ‘हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014’ के दायरे में अधिसूचित किया है। इस संबंध में मुख्य सचिव डॉ. अनुराग रस्तोगी द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस फैसले के तहत अब श्रम विभाग से जुड़ी सेवाएं निश्चित समय-सीमा में नागरिकों को मिलेंगी।

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अब ठेका श्रम (विनियमन और उत्पादन) अधिनियम, 1970 (1970 का केंद्रीय अधिनियम 37) के उपबंधों के अधीन ठेकेदारों के लिए मुख्य नियोक्ता की स्थापना, लाइसेंस का पंजीकरण और नवीकरण 26 दिनों के भीतर किया जाएगा।

इसी प्रकार, कारखाना अधिनियम, 1948 के अधीन कारखाना विभाग से योजनाओं का अनुमोदन तथा कारखाना अधिनियम, 1948 (1948 का केंद्रीय अधिनियम 63) के तहत कारखाना लाइसेंस और लाइसेंस का नवीकरण 45 दिन के भीतर जारी किया जाएगा।

पंजाब दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 (1958 का पंजाब अधिनियम 15) के अंतर्गत दुकान पंजीकरण के लिए केवाईसी के आधार पर अलग-अलग समय सीमा तय की गई है। यदि केवाईसी अमान्य है, तो पंजीकरण एक दिन में किया जाएगा; जबकि केवाईसी मान्य होने पर इसे 15 दिनों में करना अनिवार्य होगा।

भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम, 1996 (1966 का केंद्रीय अधिनियम 27) के तहत नियोजित प्रतिष्ठानों का पंजीकरण अब 30 दिनों में करना होगा। इसी तरह, अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन विनियमन एवं सेवा शर्त ) अधिनियम, 1979 (1979 का केंद्रीय अधिनियम 30) के उपबंधों के अधीन मुख्य नियोक्ता की स्थापना का पंजीकरण 26 दिनों के भीतर किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, हरियाणा भवन तथा अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के लाभार्थी के रूप में सन्निर्माण कर्मकारों के पंजीकरण/नवीनीकरण के लिए 30 दिन और बोर्ड की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को वितरित करने के लिए अधिकतम 90 दिनों की समय-सीमा तय की गई है। इन सेवाओं के लिए पदनामित अधिकारी, प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी और द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी भी नामित किए गए हैं।

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