हरियाणा रोजगार सृजन में देश का अग्रणी राज्य
बैठक में श्रम तथा युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन ने बताया कि योजना में दो प्रमुख हिस्से हैं। पहले हिस्से में नए कर्मचारियों को 15,000 रुपये तक ईपीएफ में अतिरिक्त योगदान सरकार की ओर से दो किस्तों में दिया जाएगा। दूसरा हिस्सा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम से संबंधित है, जिसमें लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को 12 महीने के अंदर साक्षरता मॉड्यूल पूरा करना अनिवार्य है।
प्रधान सचिव ने स्पष्ट किया कि योजना का लाभ पाने के लिए प्रतिष्ठान का ईपीएफओ में पंजीकृत होना आवश्यक है। यदि किसी इकाई में 50 से कम कर्मचारी हैं, तो उन्हें कम से कम दो नए पद सृजित करने होंगे। वहीं 50 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान पांच या उससे अधिक पद सृजित कर सकेंगे। सरकार की ओर से ऐसे प्रतिष्ठानों को प्रति कर्मचारी प्रतिमाह 3000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दो वर्षों तक दी जाएगी। निर्माण क्षेत्र के लिए यह अवधि चार वर्ष तक बढ़ाई गई है।
पुरानी ईपीएफ रिटर्न भरने पर नहीं लगेगी पेनल्टी
राजीव रंजन ने बताया कि यदि किसी प्रतिष्ठान ने अब तक ईपीएफ रिटर्न दाखिल नहीं की है और वह योजना का लाभ लेना चाहता है, तो पुरानी रिटर्न भरने पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी। आवेदन के लिए श्रम मंत्रालय ने वेबसाइट और पोर्टल उपलब्ध कराए हैं। बैठक में तकनीकी शिक्षा, उच्चतर शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विभाग के अधिकारी, रोजगार मेले आयोजित करने वाले प्रतिनिधि तथा विभिन्न आईटीआई के प्रधानाचार्य शामिल हुए। इस अवसर पर कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के महानिर्देशक एवं सचिव डॉ़ विवेक अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
