बारिश-बाढ़ से जूझ रहा हरियाणा, CM सैनी बोले– किसी को भी राहत से वंचित नहीं रहने देंगे
Haryana Flood Relief: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा इस समय भारी बारिश और बाढ़ से पैदा हुई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन सरकार पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ राहत कार्यों में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसी भी नागरिक को राहत से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बाढ़ और जलभराव से नागरिकों को हुई कठिनाइयों को कम करने के लिए राज्य सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है। अब तक 2897 गांवों के 1,69,738 किसानों ने 9,96,701 एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण करवाया है।
किसानों और पशुपालकों को राहत
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित फसलों के लिए प्रति एकड़ 15 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में हरे चारे की कमी हुई है, वहां सूखा चारा अन्य जिलों से मंगवाकर आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि मकानों को हुए आंशिक या पूर्ण नुकसान का सर्वे कराकर भरपाई की जाएगी।
अब तक 12 लोगों की मौत, 48 लाख की सहायता जारी
मुख्यमंत्री ने दुख जताया कि मकान ढहने की घटनाओं में प्रदेश के 12 लोगों की जान चली गई। इनमें फतेहाबाद और भिवानी में तीन-तीन, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में दो-दो, जबकि हिसार और फरीदाबाद में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। उनके परिजनों को 48 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता दी गई है।
चिकित्सा शिविर और राहत कोष
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक बाढ़ प्रभावित इलाकों में 135 चिकित्सा शिविर लगाए जा चुके हैं और 376 शिविर अभी चल रहे हैं। जिलों को तत्काल राहत उपायों के लिए 3 करोड़ 6 लाख रुपये आरक्षित निधि के रूप में दिए गए हैं। यदि किसी को अपना घर छोड़ना पड़े, तो राहत शिविर भी लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी विधायक और समर्थित विधायक एक महीने का वेतन बाढ़ राहत कोष में देंगे। साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों से भी राहत कोष में योगदान देने की अपील की।
राष्ट्रीय स्तर पर मदद और सेवा पखवाड़ा
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब को 5-5 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी थी। अब हिमाचल प्रदेश को भी 5 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसके तहत विधायक, कार्यकर्ता और अधिकारी व्यापक जनकल्याण गतिविधियों में हिस्सा लेंगे।