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हरियाणा-हिमाचल मिलकर करेंगे किशाऊ डैम की तकनीकी, कानूनी अड़चनें दूर

दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक में कमेटियां बनाने का फैसला
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चंडीगढ़, 10 जनवरी (ट्रिन्यू)

हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के अंतर-राज्यीय मामलों को निपटाने के लिए दोनों सरकारों ने सकारात्मक कदम आगे बढ़ाए हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट किशाऊ डैम का है। इसका फायदा हरियाणा को भी होगा और हिमाचल प्रदेश को भी। बुधवार को चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के मुद्दों को लेकर दोनों प्रदेशों के मुख्य सचिवों की अहम बैठक हुई। सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई बैठक में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बनी।

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किशाऊ डैम के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने काफी गंभीरता से प्रयास किए थे। हिमाचल प्रदेश की सीमा में बनने वाले इस डैम के निर्माण में कई तरह की तकनीकी और कानूनी अड़चनें हैं। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल और हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रमोद सक्सेना की मौजूदगी में हुई इस बैठक में दोनों राज्यों के सिंचाई, बिजली सहित कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

तकनीकी व कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए दो अलग-अलग कमेटियों का गठन करने पर सहमति बनी है। ये कमेटियां पूरा अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट देंगी और इसके बाद राज्य सरकारें इस पर कदम उठाएंगी। केंद्र सरकार के सहयोग से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों के किशाऊ बांध बनवाना है। यह करीब 5400 एकड़ जमीन में बनेगा और उस पर सात से आठ हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी।

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से कहा गया कि चंडीगढ़ पीजीआई समेत यहां सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में हिमाचल प्रदेश के हजारों-लाखों लोग इलाज के लिए आते हैं। यहां उनके रुकने का प्रबंध सरकार करना चाहती है। हिमाचल की मांग पर हरियाणा सरकार ने पंचकूला में जमीन के विकल्प दिए हैं। हिमाचल सरकार भी पंचकूला में ही जमीन लेना चाहती है। हरियाणा की ओर से तीन साइट्स का विकल्प दिया है।

जल्द ही हिमाचल प्रदेश की टीम इन तीनों जगहों का दौरा करेगी। किसी एक जगह को अंतिम रूप दिया जाएगा और इसके बाद हिमाचल प्रदेश की ओर से यहां भवन का निर्माण किया जाएगा। बैठक में किशाऊ डैम में बनने वाली बिजली की खरीद की इच्छा हरियाणा सरकार ने जताई है, जिस पर हिमाचल प्रदेश की ओर से कहा गया कि तब के मानदंडों के हिसाब से समझौता होने पर हमें कोई ऐतराज नहीं है। इस डैम से हरियाणा पांच सौ से छह सौ मेगावाट तक बिजली खरीद की इच्छा रखता है।

पानी की कमी का मुद्दा उठाया

हरियाणा ने बैठक में अपने राज्य में पानी की कमी का मुद्दा उठाया। हरियाणा की ओर से कहा गया कि यदि किशाऊ डैम बन जाए तो हथनीकुंड बैराज से क्रास होने वाला पानी रोका जा सकेगा। पहाड़ों से आने वाला 65 प्रतिशत पानी अलग-अलग चैनलों के माध्यम से कवर हो जाता है। बाकी बचे 35 प्रतिशत पानी को कवर करने के लिए किशाऊ डैम का जल्दी बनना जरूरी है। इससे यमुना में आने वाली बाढ़ को भी रोकने में मदद मिलेगी तथा बरसात व बाढ़ के दिनों में अतिरिक्त पानी दिल्ली जाने से रोका जा सकेगा, जो कि वहां नुकसान करता है।

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