ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 15 मार्च
हरियाणा के युवाओं को अब इंडस्ट्री की डिमांड के हिसाब से ट्रेंड किया जाएगा। मार्केट के ट्रेंड और डिमांड के हिसाब से प्रदेश के पॉलिटेक्निक और आईटीआई में नये कोर्स शुरू होंगे। इतना ही नहीं, इन कोर्स को शुरू करने से पहले औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ टाइ-अप भी किया जाएगा ताकि उन्हें स्थानीय स्तर पर ही प्लेसमेंट भी मिल सके।
इस मुद्दे को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने मंगलवार को चंडीगढ़ में उद्योग एवं वाणिज्य, तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग तथा श्रीविश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पॉलिटेक्निक व आईटीआई में ऐसे नये कोर्स शुरू किए जाएं, जो वर्तमान उद्योगों की आधुनिक तकनीक पर आधारित हों।
इसका फायदा यह होगा कि कोर्स पूरा होने के बाद युवाओं को तत्काल जॉब मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि उद्योग व तकनीकी शिक्षा विभाग आदि मिलकर एक रिपोर्ट तैयार करें। इसमें यह पता लगाया जाए कि प्रदेश में स्थापित उद्योगों को किस प्रकार के ट्रेंड युवा चाहिए। क्या ऐसे कोर्स हमारे प्रदेश में चल रहे हैं। उन उद्योगों की जरूरत के अनुसार, संबंधित जिला के ही पॉलिटेक्निक या आईटीआई में आगामी शैक्षणिक सत्र से नया कोर्स शुरू करें।
कोर्स के अंतिम सेमेस्टर में इंटर्नशिप भी समन्वय स्थापित करके उद्योगों में ही करवाएं। इससे कोर्स पास करने वाले युवाओं को उद्योगों में आसानी से जॉब मिल सकेगी। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे तकनीकी संस्थानों में प्रेक्टिकल के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें ताकि पढ़ने वाले युवा अत्याधुनिक तकनीक से अपडेट हो सकें। जरूरत मुताबिक पुराने कोर्सेज के पाठ्यक्रम में परिवर्तन करने को भी उन्होंने कहा।
प्रदेश में 37 सरकारी, 4 एडिड और 159 प्राइवेट पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इनमें कुल 37 हजार 459 विद्यार्थी हैं। दुष्यंत ने सोलर रिन्यूएबल, ड्रोन, डॉटा माइनिंग, फायर सेफ्टी आदि से संबंधित नये कोर्स शुरू करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश अधिकारियों को दिए। पानीपत के तकनीकी संस्थाओं में हेंडलूम, बहादुरगढ़ में फुटवियर, हिसार में स्टील, गुरुग्राम में मारुति कंपनी आदि की जरूरत अनुसार कोर्स शुरू करने के सुझाव दिए। बैठक में एफसीआर पीके दास, श्रम विभाग के एसीएस राजा शेखरू वुंडरू, तकनीकी शिक्षा विभाग के एसीएस आनंद मोहन शरण मुख्य रूप से मौजूद रहे।