दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 15 मार्च
कोरोना काल में जमीनों की रजिस्ट्री में कथित तौर पर हुई धांधली पर विधानसभा में घिरी सरकार ने अब पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय की रजिस्ट्रियों की भी जांच करवाने का फैसला लिया है। ‘जांच’ की यह ‘आंच’ अब पूर्व की हुड्डा सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान हुई रजिस्ट्रियों पर भी आने वाली है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस मुद्दे पर विधानसभा में हुए हंगामे के बीच 2010 से 2016 तक हुई रजिस्ट्रियों की जांच कराने का ऐलान किया है।
अर्बन एरिया डेवलेपमेंट एक्ट के नियम-7ए के उल्लंघन के मामलों को सरकार इस दौरान खंगालेगी। लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम जिले में जमीनों की रजिस्ट्री में धांधली के मामले सामने आए। प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ कि नियम-7ए का उल्लंघन कर रजिस्ट्री हुई हैं। रेवन्यू डिपार्टमेंट डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला के पास है। इसके बाद दुष्यंत ने इस मामले में सीएम से चर्चा की और सरकार ने सभी मंडलायुक्तों को तहसीलों व उपतहसीलों में हुई रजिस्ट्री की जांच करने के आदेश दिए।
मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के आरोपों के बीच सीएम ने कहा कि अब सरकार 2010 से 2016 तक की रजिस्ट्री की भी जांच कराएगी। 3 अप्रैल, 2016 से 13 अगस्त, 2021 तक के पंजीकरण की जांच सरकार करवा चुकी है। प्रदेशभर की सभी 140 के लगभग तहसीलों एवं उपतहसीलों में हुई रजिस्ट्री को खंगाला जाएगा। उन्होंने कहा कि गलत रजिस्ट्री व उल्लंघन के मामलों में जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, तीन साल से पुराने मामलों की जांच सरकार करवा ही नहीं सकती। पलटवार में सीएम ने कहा, आपने अभी से बचने का रास्ता निकाल लिया है। उन्होंने कहा, सरकार तह तक जाकर रहेगी। ऐलनाबाद विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा, उल्लंघन के मामलों की जांच 2010 से नहीं बल्कि 2000 से करवाई जानी चाहिए। इनेलो सरकार के समय हुई रजिस्ट्री को भी खंगाला जाए ताकि प्रदेश के लोगों को पता लग सके कि गड़बड़ कब और किसकी सरकार में हुई।
दरअसल, नियम-7ए 1975 में बने एक्ट के तहत लागू है। यह नियम इसलिए बनाया गया ताकि प्रदेश में अवैध कालोनियों को रोका जा सके। समय-समय पर इसमें संशोधन भी हुए। हुड्डा कार्यकाल तक ढाई एकड़ तक जमीन की रजिस्ट्री के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने नियम-7ए के तहत एनओसी लेने के नियम थे। खट्टर सरकार ने 2016 में इसमें संशोधन करके दो एकड़ की जमीन दो कनाल यानी एक हजार वर्गगज जमीन के लिए ये नियम लागू कर दिए। 2020 में फिर से संशोधन करके दो कनाल को एक एकड़ किया गया।
5 साल में 64577 रजिस्ट्री में गड़बड़
सरकार ने अप्रैल-2017 से अगस्त-2017 तक की जांच सभी मंडलायुक्तों से करवाई तो प्रदेशभर में नियम-7ए के उल्लंघन के तहत हुई रजिस्ट्री के 64 हजार 577 मामले सामने आए। सर्वाधिक गड़बड़ गुरुग्राम मंडल में हुई। यहां उल्लंघन के 21 हजार 716 मामले सामने आए। वहीं करनाल मंडल में 9 हजार 774, अंबाला मंडल में 2 हजार 864, हिसार मंडल में 1 हजार 16, रोहतक मंडल में 10 हजार 849 तथा फरीदाबाद मंडल में उल्लंघन के 18 हजार 358 मामले सामने आए।
‘दागियों’ को एनसीआर में पोस्टिंग नहीं
कोरोना काल में रजिस्ट्री में हुई धांधली सबसे पहले गुरुग्राम में पकड़ी गई। डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि सरकार ने एक्शन लेते हुए 3 सब-रजिस्ट्रार और 5 ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। उन्हें सस्पेंड किया गया। दुष्यंत ने कहा, हाईकोर्ट के आदेशों पर उन्हें बहाल तो कर दिया है लेकिन उनकी फाइल पर लिखा गया है कि उन्हें अब कभी भी एनसीआर के जिलों में पोस्टिंग नहीं मिलेगी। एफआईआर पर पुलिस जांच कर रही है और कानून अनुसार कार्रवाई होगी।