चंडीगढ़, 21 जुलाई (एजेंसी) हरियाणा सरकार ने राज्य के मेवात क्षेत्र में खनन माफिया द्वारा पुलिस उपाधीक्षक की मंगलवार को एक ट्रक से कुचलकर हत्या किए जाने के मामले की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि इलाके में अवैध खनन से जुड़े सभी पहलुओं की भी जांच की जाएगी। विज ने एक ट्वीट में कहा, ‘हरियाणा सरकार ने मेवात क्षेत्र में खनन माफियाओं द्वारा पुलिस उपाधीक्षक की मंगलवार को एक ट्रक से कुचलकर हत्या किए जाने के मामले और क्षेत्र में अवैध खनन की परिस्थितियों की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है।’ अवैध पत्थर खनन की जांच कर रहे तावडू के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुरेन्द्र सिंह की मंगलवार को नूंह जिले में एक ट्रक से कुचलकर हत्या कर दी गई, जिसे उन्होंने रुकने का इशारा किया था। नूंह पुलिस ने कथित तौर पर हत्या में शामिल ट्रक चालक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी शब्बीर उर्फ मित्तर को राजस्थान के भरतपुर के पहाड़ी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है, उसे मामले के एक अन्य आरोपी इक्कर से पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। इससे पहले बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए, अनिल विज ने कहा था कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार ने खनन सहित अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।