दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 मार्च
हरियाणा के लगभग 55 वर्षों के इतिहास में बिजली चोरी पकड़ने के लिए पहली बार ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गई। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले राज्य के 10 शहरों में लगातार दो दिनों तक चली छापेमारी के दौरान बिजली निगमों की टीम 7 हजार 710 प्रतिष्ठानों में पहुंची। इनमें घरेलू, गैर-घरेलू यानी कमर्शियल और औद्योगिक प्रतिष्ठान शामिल हैं। गुरुग्राम व फरीदाबाद की कई बड़ी और नामचीन कंपनियों में भी निगमों की टीम ने रेड की। इंडस्ट्री के अलावा शॉपिंग कॉम्पलैक्स, मॉल, शोरूम व पीजी आदि में बिजली चोरी की शिकायतें पहले भी आती रही लेकिन किसी भी सरकार ने इच्छा शक्ति नहीं दिखाई। इन लोगों के बिजली निगमों के अलावा स्थानीय प्रशासन के साथ संबंध भी होते हैं। ऐसे में चाहकर भी बिजली विभाग के अधिकारी छापे नहीं मार पाते थे। लगातार दो दिन चली छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में अधिकारियों व कर्मचारियों की भी मिलीभगत सामने आई है।
एक ऐसा भी मामला सामने आया है, जिसमें फैक्टरी मालिक पर साढ़े 4 करोड़ रुपये से बकाया थे। निगमों के अधिकारियों के साथ सैटिंग करके इसी कैम्पस में किसी दूसरे नाम से कनेक्शन ले लिया। ऐसे और भी कई मामले सामने आए हैं। छापेमारी की रिपोर्ट कम्पलाइल हो रही है। इसके बाद यह विभाग के मंत्री चौ़ रणजीत सिंह तक पहुंचेगी। रिपोर्ट लेकर रणजीत सिंह सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करेंगे। बताते हैं कि अब उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीन आने वाले शहरों में भी ऐसी ही स्ट्राइक होगी।
बिजली निगमों की टीम ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, नारनौल, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी व जींद में छापेमारी की। रणजीत सिंह पिछले पंद्रह दिनों से इस मुहिम के लिए अंदरखाने काम कर रहे थे। बिजली चोरी के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिए पहले उन्होंने सीएम को विश्वास में लिया। सीएम के निर्देशों के बाद बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास व सीआईडी चीफ आलोक मित्तल इस मुहिम का हिस्सा बने।
पूरी कार्यवाही को गोपनीय रखा गया। निगमों की कुल 236 टीमों का गठन किया। एक टीम में 3 से लेकर 5 तक अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे। लगभग 1200 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम ने इन 10 शहरों में कुल 7 हजार 710 प्रतिष्ठानों में छापा मारा। इनमें घरेलू, गैर-घरेलू व औद्योगिक इकाइयां शामिल थीं। छापेमारी के बाद 2735 घरों में बिजली चोरी पकड़ी गई। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, रेवाड़ी व धारूहेड़ा आदि शहरों में चलने वाले पीजी अधिक हैं।
दरअसल, पीजी के लिए भी घरेलू कनेक्शन लिए हुए हैं। इसी तरह से 195 बड़े शोरूम, शॉपिंग कॉम्पलैक्स, मॉल व बड़ी कंपनियों के दफ्तरों में चोरी पकड़ी गई। कुल 206 इंडस्ट्री में छापा मारा गया और इनमें से 32 में बड़े स्तर पर चोरी पकड़ी गई। शुरूआत में बिजली चोरी के सभी मामलों में 12 करोड़ रुपये के करीब का जुर्माना लगाया गया। सरकार का मानना है कि इस मुहिम से 200 करोड़ रुपये से अधिक की रिकवरी अकेले मार्च में होने की उम्मीद है।
स्ट्राइक का यह होगा फायदा
बिजली निगमों के अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के बाद अब रिकवरी बढ़ेगी। बकाया का भुगतान बढ़ेगा। नये कनेक्शन की संख्या भी बढ़ेगी। बकायादार के यहां दूसरा कनेक्शन नहीं दिया जा सकता। उसी कैम्पस में या डिफाल्टर व्यक्ति के नाम पर नया कनेक्शन तभी मिलेगा, जब बकाया चुकता कर दिया जाएगा। बिजली चोरी के अलावा लाइन लॉस भी कम होगा। निगमों ने अंदरखाने यूएचवीपीएन में भी इसी तरह का मुहिम चलाने की तैयारी कर ली है। यह छापेमारी अभियान भी पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। इस मुहिम में सोनीपत, पानीपत, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला आदि जिले कवर होंगे।
जानिए कहां चोरी के कितने मामले पकड़े
शहर चोरी केस
गुरुग्राम-। 219
गुरुग्राम-।। 282
फरीदाबाद 244
पलवल 332
रेवाड़ी 140
नारनौल 171
हिसार 380
फतेहाबाद 180
सिरसा 192
भिवानी 280
जींद 315
कुल 2735
क्या कहते हैं मंत्री
पावर मिनिस्टर चौ़ रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में आज तक किसी भी सीएम ने इतनी हिम्मत नहीं दिखाई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुझे तुरंत परमिशन दी। पंद्रह दिनों से चोरी के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग चल रही थी। कई अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। सभी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। जल्द ही निगमों के अंदर भी स्ट्राइक करेंगे।